Surpeme Court

अरावली हिल्स मामले में SC ने अपने ही फैसले पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने अरावली हिल्स और रेंज की परिभाषा से जुड़े मामले में सोमवार (29 दिसंबर, 2025) को सुनवाई की. मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा, ‘यह विचार किया जाना आवश्यक है कि क्या इन 500 मीटर के अंतरालों (गैप्स) में नियंत्रित खनन की अनुमति दी जाएगी. अगर हैं, तो पारिस्थितिक निरंतरता प्रभावित न हो, इसके लिए कौन-से सटीक संरचनात्मक मानक अपनाए जाएंगे.’

सीजेआई ने कहा कि यह भी तय किया जाना चाहिए कि 12,081 में से 1,048 पहाड़ियों का 100 मीटर ऊंचाई के मानदंड पर खरा उतरना तथ्यात्मक और वैज्ञानिक रूप से सही है या नहीं. यह भी निर्धारित करना होगा कि क्या इसके लिए भूवैज्ञानिक जांच आवश्यक है.

सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट उपर्युक्त प्रश्नों के समग्र परीक्षण लिए रिपोर्ट के आकलन के लिए एक उच्च-स्तरीय विशेषज्ञ समिति के गठन का प्रस्ताव रखते हैं. उन्होंने कहा कि साथ ही, अरावली क्षेत्र से बाहर रखे जाने वाले भूभागों की विस्तृत पहचान की जानी चाहिए और यह भी जांचा जाना चाहिए कि क्या इस प्रकार का बहिष्करण अरावली पर्वत श्रृंखला की पारिस्थितिक अखंडता से समझौता करते हुए क्षरण के जोखिम को बढ़ाता है.

केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि समिति के गठन से पहले माननीय न्यायालयों को यह निर्धारित करना होगा कि समिति किन-किन क्षेत्रों की जांच करेगी. सीजेआई सूर्यकांत ने कहा कि हम इसे आवश्यक मानते हैं कि समिति की सिफारिशों और इस न्यायालय के निर्देशों को फिलहाल स्थगित रखा जाए. समिति के गठन तक यह स्थगन प्रभावी रहेगा. 21 जनवरी के लिए नोटिस जारी किया जाता है. एसजी तुषार मेहता ने कहा कि राज्यों को आगे किसी भी प्रकार की खनन गतिविधि न करने के संबंध में नोटिस जारी कर दिया गया है.

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