बिहार के बाद अब देश के पांच प्रमुख राज्यों असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में SIR की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयुक्तों ने व्यापक तैयारियां शुरु कर दी हैं. आयोग ने नई दिल्ली में आयोजित CEOs और DEOs की दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक में SIR की सभी बारीकियों और इसकी जरूरतों पर विस्तार से चर्चा की. इस समीक्षा बैठक की अध्यक्षता चुनाव आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश कुमार ने की और सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों तथा संबंधित राज्यों के चुनाव अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई.
चुनाव वाले राज्यों में होगा एसआईआर
इस बैठक में केंद्रीय चुनाव आयुक्तों ने इन पांचों राज्यों के अधिकारियों के साथ अलग से बातचीत की जहां अगले साल अप्रैल और मई महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं. वैसे तो इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पारदर्शी, समावेशी और त्रुटिरहित मतदाता सूची तैयार करने पर था, जिससे कि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और प्रभावी ढंग से सम्पन्न हो सके.
बैठक में यह निर्देश दिया गया कि सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में मतदाता सूची को दुरुस्त करने के दौरान प्रत्येक पात्र नागरिक का नाम सुनिश्चित करें. साथ ही BLO, ERO, DEO, AERO जैसी व्यवस्थात्मक इकाइयों का समुचित गठन और प्रशिक्षण भी प्रमुख चिंता बिंदु रहा.
डिजिटल माध्यमों के उपयोग पर फोकस
चुनाव आयोग ने डिजिटल माध्यमों के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल, मतदाता जागरूकता और शिकायत निवारण के त्वरित समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए. इस बैठक में महत्वपूर्ण यह भी रहा कि इन चुनावी राज्यों के अधिकारियों की तैयारियों की अलग से समीक्षा करने के पीछे, राज्यों में समय-सीमा के भीतर मतदाता सूची तैयार करना और निष्पक्ष लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुनिश्चित करना आयोग की शीर्ष प्राथमिकता रही.
बैठक के दौरान इस बात पर भी जोर दिया गया गया कि SIR की पूरी प्रक्रिया के दौरान संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों का पूरी तरह पालन किया जाएगा, ताकि किसी भी मतदाता के अधिकारों का उल्लंघन न हो.