राष्ट्रपति के शुरुआती भाषण के बाद कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीडिया से बात करने से परहेज किया, लेकिन संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति मुर्मू के एक घंटे लंबे भाषण के बाद राहुल गांधी के साथ बातचीत के दौरान उनको अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सुना गया.
संसद का बजट सत्र आज शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से शुरू हो गया. लेकिन राष्ट्रपति के भाषण पर विपक्ष ने हमले भी शुरू कर दिए. संसद परिसर में गांधी परिवार ने राष्ट्रपति के भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया की है. कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने बजट सत्र पर राष्ट्रपति के भाषण को लेकर कहा कि Poor lady was tired at the end, जबकि उनके बेटे राहुल गांधी ने इसे “उबाऊ” करार दिया.
हालांकि बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के शुरुआती भाषण के बाद कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीडिया से बात करने से परहेज किया, लेकिन संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति मुर्मू के एक घंटे लंबे भाषण के बाद राहुल गांधी के साथ बातचीत के दौरान उनको अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सुना गया. बीजेपी ने इस पर पलटवार करते हुए इसे आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान बताया.
आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमानः BJP
संसद के बाहर राज्यसभा सांसद सोनिया को “झूठे वादे” कहते हुए सुना गया, जिसके बाद राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भाषण “उबाऊ” था. इस पर सोनिया गांधी ने जवाब दिया, “अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गई थीं. वह मुश्किल से बोल पा रही थीं, बेचारी.” इस दौरान प्रियंका गांधी भी मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा.
बीजेपी ने राष्ट्रपति पर टिप्पणी के लिए गांधी परिवार पर हमला करते हुए कहा कि यह टिप्पणी देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान है. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि यह टिप्पणी “कांग्रेस की घटिया राजनीति और चरित्र को उजागर करती है.”
गौरव भाटिया ने ट्वीट कर कहा, “नकली गांधी परिवार यह बर्दाश्त नहीं कर सकता कि गांधी परिवार से बाहर का कोई व्यक्ति उच्च संवैधानिक पदों पर पहुंचे. यह अपमान हर भारतीय का अपमान है, हर आदिवासी का अपमान है, हर महिला का अपमान है. यह देश इसे बर्दाश्त नहीं करेगा.”
रणदीप सुरजेवाला ने भी साधा निशाना
कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपना निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि माननीय राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकारी पब्लिसिटी का निराशाजनक पुलिंदा बन कर रह गया है. यह अभिभाषण एक हिंदी की लोकप्रिय कहावत को चरितार्थ करता है ‘अंधा बांटे सिरनी, मुड़ मुड़ अपनों को दे.’
उन्होंने समस्याओं की लिस्ट देते हुए आगे कहा, “राष्ट्रपति का अभिभाषण आज और भविष्य की चुनौतियों तथा समस्याओं का हल निकालने वाला विजनरी डॉक्यूमेंट होना चाहिए, पर जो कहा जाना चाहिए था, पर नहीं कहा गया.”
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने राष्ट्रपति को लेकर की गई टिप्पणी पर कहा “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभी कुछ देर पहले ही कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक अनुचित टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू अपने पूरे भाषण के दौरान बहुत थकी हुई दिखाई दीं और उन्हें ‘बेचारी’ कह दिया. मैं यह साफ तौर पर स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मुर्मू कभी भी ‘बेचारी’ नहीं हो सकतीं. अगर भारतीय राजनीति में कोई ‘बेचारा’ है, तो वह राहुल गांधी हैं. ये वो ‘बेचारा’ है, जिसे कांग्रेस बार-बार लॉन्च करने की कोशिश करती है, लेकिन वो ‘बेचारा’ कभी लॉन्च नहीं हो पाता.”
कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने इस भाषण पर कहा, “हमेशा की तरह सरकार राष्ट्रपति से वही कहलवाती है जो वह चाहती है. जबकि हकीकत कुछ और होती है लेकिन कुछ और कहा जाता है. जब अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव होगा तब हम अपनी बात रखेंगे.”

