स्टैच्यू ॲाफ यूनिटी बनाने वाले मशहूर मूर्तिकार का निधन

स्टैच्यू ॲाफ यूनिटी बनाकर इतिहास रचने वाले मशहूर मूर्तिकार राम सुतार का बुधवार (17 दिसंबर) को निधन हो गया. उम्र से जुड़ी बीमारियों से लड़ते हुए राम सुतार ने अपने घर पर अंतिम सांस ली. लोकप्रिय मूर्तिकार राम सुतार ने अपने जीवन के 100 साल पूरे कर लिए थे. कहा जाता है कि वे जिस पत्थर को छू लेते थे, वो अद्भुत कलाकृति में तब्दील हो जाता था.

राम सुतार के निधन की पुष्टि उनके बेटे अनिल सुतार ने की. उन्होंने बताया कि उनके पिता ने बुधवार, 17 दिसंबर की देर रात अपने घर पर अंतिम सांस ली. उनका अंतिम संस्कार और गुरुवार, 18 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे होगा.

महाराष्ट्र से राम सुतार का गहरा नाता
सन् 1925 में राम सुतार का जन्म महाराष्ट्र के गोंदूर गांव में हुआ था, जो अब धुले जिले में आता है. वे बचपन से ही कला से प्रेम करते थे. मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की थी और गोल्ड मेडल हासिल किया था. इसके बाद उन्होंने भारतीय मूर्तिकला को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया.

राम सुतार की प्रसिद्ध कलाएं
राम सुतार ने कई ऐसी कलाओं को जन्म दिया, जो सदियों तक याद की जाएंगी. संसद परिसर में ध्यानमग्न मुद्रा में महात्मा गांधी की प्रतिमा, घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी महाराज प्रतिमा और सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी उनके बड़े काम में शामिल हैं.

दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
राम सुतार के नाम दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण करने का रिकॉर्ड दर्ज है. उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनई थी.

पद्म श्री से सम्मानित हैं राम सुतार
राम सुतार को उनकी कला के लिए सन् 1999 में ‘पद्म श्री’ और 2016 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया था. हाल ही में उन्हें महाराष्ट्र के सर्वोच्च पुरस्कार ‘महाराष्ट्र भूषण’ से भी नवाजा गया था.

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