विपक्षी सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग तक पैदल मार्च किया. हालांकि, उनके पैदल मार्च को पुलिस ने बीच रास्ते में ही रोक दिया. पुलिस के मुताबिक, पैदल मार्च की इजाजत नहीं मिली थी. जब विपक्षी सांसद चुनाव आयोग दफ्तर जाने पर अड़े रहे तो पुलिस ने विपक्षी सांसदों को डिटेन कर लिया. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव समेत कुछ सांसदों को हिरासत में लिया गया है. इससे पहले प्रदर्शन के दौरान प्रियंका गांधी लगातार ताली बजाती दिखीं. अखिलेश यादव ने तो बैरिकेडिंग पार कर छलांग लगा दी. वहीं, राहुल गांधी लगातार हुंकार भरते रहे.
दरअसल, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में 300 से अधिक सांसदों ने संसद भवन के मकर द्वार से चुनाव आयोग के दफ्तर तक पैदल मार्च निकाला. इसमें वोट चोरी और मतदाता सूची में कथित हेरफेर के खिलाफ तीखा विरोध जताया गया. इस मार्च में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, शरद पवार, संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी और 25 से अधिक दलों के नेता शामिल हुए.
जब अखिलेश ने लगाई छलांग
विपक्षी सांसद आगे बढ़ ही रहे थे, तभी पीटीआई दफ्तर के सामने मार्च को पुलिस ने रोक दिया. वहां बैरिकेडिंग की गई थी. जब पुलिस ने आगे नहीं बढ़ने दिया तो देखते ही देखते अखिलेश यादव बैरिकेड छलांग गए. वह बैरिकेड पर चढ़कर इस पार आ गए और सड़क पर बैठक कर धरना देने लगे. इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा, ‘वे हमें रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रहे हैं.’
प्रियंका बजाती रहीं ताली
वहीं, दूसरी ओर प्रियंका गांधी लगातार ताली बजाकर साथी सांसदों का हौसला बढ़ा रही थीं. विपक्षी सांसद लगातार नारा लगा रहे थे, गली-गली में शोर है, चुनाव आयोग वोट चोर है. वहीं, राहुल गांधी खुद फ्रंट से पैदल मार्च को लीड कर रहे थे. राहुल गांधी तो पुलिस से भिड़ भी गए. राहुल गांधी और पुलिस अधिकारी के बीच गहमागहमी भी देखने को मिली. राहुल गांधी बहस करते भी नजर आए. इसके बाद पुलिस ने विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया.
राहुल ने भरी हुंकार
हिरासत में लिए जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा, ‘हकीकत यह है कि वे बोल नहीं सकते. सच्चाई देश के सामने है. यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है. यह संविधान बचाने की लड़ाई है. यह लड़ाई एक व्यक्ति, एक वोट की है. हम एक साफ़-सुथरी मतदाता सूची चाहते हैं.’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी वाद्रा, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश समेत अनेक नेताओं को हिरासत में लिया गया. संसद के मकर द्वार के सामने मार्च शुरू करने से पहले विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रगान गाया. इससे पहले परिवहन भवन के पास पीटीआई मुख्यालय के सामने रोके जाने पर सांसद सड़क पर ही बैठक गए और ‘वोट चोरी बंद करो’ जैसे नारे लगाने लगे.
पुलिस ने नहीं दी थी इजाजत
उधर पुलिस अधिकारियों को लाउड स्पीकर पर सांसदों को रोकने के संबंध में घोषणा करते सुना गया. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, कांग्रेस सांसद ज्योतिमणि और संजना जाटव पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड पर खड़ी हो गईं और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए. मार्च शुरू होने से पहले दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी ने भी इस प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं मांगी है.
राहुल का क्या आरोप?
राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूची में कथित धांधली का आरोप लगाए जाने और इस संबंध में कुछ खुलासे करने का दावा किए जाने के बाद विपक्षी दलों का यह पहला विरोध प्रदर्शन है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े सामने रखते हुए सात अगस्त को आरोप लगाया था कि मतदाता सूची में हेरफेर करके ‘‘वोट चोरी’’ का मॉडल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा पहुंचाने के लिए लागू किया गया है.