अयोध्या राम मंदिर में भगवा ध्वज का फहराया जाना केवल एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक चेतना, आस्था और राष्ट्रभाव का एक महान उत्सव है.
अयोध्या स्थित राम मंदिर के शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवा ध्वजा फहरा दिया है. इस दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत भी वहां मौजूद रहे.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के मुताबिक ध्वज भगवा रंग का है. 10 फुट चौड़ा और 20 फुट लंबा और तिकोने आकार में है. ध्वज पर सूर्य’, ‘ओम’ और कोविदार वृक्ष के चिह्न बने हुए हैं.
प्रधानमंत्री का काफिला रामपथ पर एक छोटा रोड शो करने के बाद जगद्गुरु आदि शंकराचार्य द्वार से मंदिर परिसर में प्रवेश किया.
प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने पवित्र श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर औपचारिक रूप से भगवा ध्वज फहराया, जो मंदिर निर्माण के पूर्ण होने का प्रतीक है.
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से फहराया गए पवित्र भगवा ध्वज गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देता है,
ध्वजा फहराने की रस्म में हिस्सा लेने से पहले पीएम मोदी ने सबसे पहले राम जन्मभूमि परिसर के अंदर सप्त ऋषि मंदिर में दर्शन किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान श्रीराम और मां सीता की ‘विवाह पंचमी’ के अभिजीत मुहूर्त पर तिकोने झंडे का आरोहण किया.
इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी सप्त मंदिर पहुंचे और महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुह और माता शबरी मंदिर में भी शीश झुकाये. मोदी ने मां अन्नपूर्णा के भी दर्शन किये.
PM मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में पहुंचकर भगवान राम लला की आरती और पूजन किया. इससे पहले अयोध्या पहुंचने पर उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट किया और लिखा कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण उत्सव में हिस्सा लेने के लिए अयोध्या पहुंचा.
महासचिव चंपत राय के मुताबिक ध्वज पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर शैली में बने शिखर पर फहराया गया, जबकि मंदिर के चारों ओर बना 800 मीटर का परकोटा (दक्षिण भारतीय वास्तु शैली में डिजाइन किया गया घेरा) मंदिर की शिल्पविविधता को दिखाता है.

