अमित शाह ने आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा, ”अगर कोई आतंकी भारत की सीमा में घुस गया तो वह बचेगा नहीं, वह या तो गिरफ्तार होगा या फिर मारा जाएगा. इन्हें (विपक्ष) सीमा की कठिनाई के बारे में नहीं पता है.”
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, ‘PoK मांगना भूल गई कांग्रेस’
अमित शाह ने कहा, ”1971 में पूरे देश ने इंदिरा जी का समर्थन किया था. उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए, ये भारत की बहुत बड़ी विजय थी, इस पर पूरा भारत गर्व करता है, हम भी करते हैं. उस समय 93 हजार युद्धबंदी और 15 हजार वर्ग किमी क्षेत्र हमारे कब्जे में था. मगर शिमला समझौता हुआ, तो ये PoK मांगना ही भूल गए. अगर उस समय PoK मांग लेते, तो न रहता बांस न बजती बांसुरी. इन्होंने PoK तो नहीं लिया, उल्टा 15 हजार वर्ग किमी की जीती हुई भूमि भी वापस दे दी.”
पहलगाम हमले के बाद 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया
अमित शाह ने कहा, ”उरी में हमला हुआ, हमने सर्जिकल स्ट्राइक किया. पुलवामा में हमला हुआ, तो हमने एयर स्ट्राइक किया और पहलगाम में हमला किया, तो हमने 100 किमी अंदर जाकर 9 अड्डों और 100 से ज्यादा आतंकियों को समाप्त कर दिया.”
देश के गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार (29 जुलाई, 2025) को संसद में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा के दौरान सरकार का पक्ष रक्षा. अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों की ओर से जो हमला किया गया, उसके जवाब में देश के प्रधानमंत्री ने जो दृढ़ इच्छा शक्ति का परिचय कराते हुए ऑपरेशन सिंदूर की इजाजत दी.
अमित शाह ने कहा कि धर्म पूछकर पहलगाम में लोगों को मारा गया, इसकी मैं घोर निंदा करता हूं और पीड़ित परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त करता हूं. ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान के ठिकाने तबाह किए गए. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कल से यहां पर पक्ष और विपक्ष की चर्चा हो रही है. मैं पूरे देश को ‘ऑपरेशन महादेव’ की जानकारी देना चाहता हूं.
‘ऑपरेशन महादेव’ में मारे गए ये आतंकवादी
अमित शाह ने कहा कि ‘ऑपरेशन महादेव’ में सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिब्रान, तीन आतंकवादी सेना और सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में मारे गए. सुलेमान लश्कर ए तैयबा का कमांडर था. पहगाम हमले में और गगनगीर आतंकी हमले में सुलेमान शामिल था, इसके कई सबूत हमारी एजेंसियों के पास हैं. इसी के साथ ही अफगान लश्कर ए तैयबा का आतंकवादी था और जिब्रान भी आतंकवादी था.
जम्मू कश्मीर पुलिस का आभार
गृहमंत्री ने आगे कहा, ‘मैं पूरे देश को बताना चाहता हूं, जिन्होंने बैसरण घाटी में हमारे नागरिकों को मारा था, उनमें ये तीनों आतंकवादी शामिल थे और ये तीनों मारे गए. सेना के पैरा फोर सीआरपीएफ के जवान अभियान में शामिल थे और जम्मू कश्मीर पुलिस को सदन की ओर धन्यवाद देना चाहता हूं.
अमित शाह ने कहा कि आईबी और सेना की ओर से रांची क्षेत्र में आतंकियों की उपस्थिति की पुख्ता जानकारी के लिए 22 मई से 22 जुलाई, 2025 तक लगातार प्रयास किए गए. फिर 22 जुलाई को सेना को सफलता मिली और सेंसर की मदद से आतंकियों की उपस्थिति की जानकारी मिल गई. तब देश की सेना और पुलिस ने एक साथ आतंकियों को घेरने का काम किया और ऑपरेशन महादेव को सफल तक तीनों आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया.

