दुनिया देख रही PAK का ‘घिनौना’ चेहरा, सर्वदलीय शिष्टमंडल से आतंकवाद पर सेट होगा भारत का नैरेटिव

प्रपंच और प्रोपगैंडा रचने में पाकिस्तान का कोई मुकाबला नहीं है। इसमें वह खूब माहिर है। वह भले ही कुछ और न कर पाए, झूठ-फरेब, प्रोपगैंडा फैलाकर अपना नरेटिव सेट कर लेता है। दुनिया उसके प्रोपगैंडा को सच मान लेती है। उसकी काट निकालना जरूरी है। शिष्टमंडलों से भारत का यह काम आसान हो जाएगा।

Indian Delegation Abroad: आतंकवाद के खिलाफ भारत ने अब वैश्विक लड़ाई की शुरुआत कर दी है। बीते 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर तो मारा ही, अब भारत उसे दुनिया भर में बेनकाब करेगा। पाकिस्तान इस मुगालते में न रहे कि गलती की थी, तो ‘पिटाई’ हो गई। अब आगे कुछ नहीं होगा, अभी हिसाब बराबर नहीं हुआ है उसे अभी और भारत के आक्रोश का सामना करना होगा। उसकी घेरेबंदी का का यह सिलसिला चलता रहेगा क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर बंद नहीं हुआ है। बस थोड़े समय के लिए उस पर ब्रेक जरूर लगा है लेकिन यह कभी भी फिर चालू हो सकता है। इन सबके बीच उसकी डिप्लोमेटिक पिटाई भी शुरू हो गई है।

दुनिया में खुलेगी PAK की पोल-पट्टी

भारत दुनिया भर में उसकी पोल-पट्टी खोलने जा रहा है। भारत से सात सर्वदलीय शिष्टमंडल जिसमें अलग-अलग दलों के सांसद हैं। ये शिष्टमंडल दुनिया भर में रवाना हो रहे हैं। कुछ शिष्टमंडल तो रवाना भी हो गए हैं। ये शिष्टमंडल दुनिया को पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के बारे में विस्तार से बताएंगे।

दुनिया में बढ़ा है भारत का रुतबा

बहुत लोग सोच रहे होंगे कि सर्वदलीय शिष्टमंडल में नया क्या है। भारत पहले भी इस तरह का शिष्टमंडल भेजता रहा है लेकिन इससे कुछ तो बदला नहीं। आतंकी हमले इसके बाद भी होते रहे तो इसे भेजने का फायदा क्या है। बात सही है चाहे 2001 का संसद पर हमला हो, चाहे 26/11 का मुंबई हमला। इन हमलों के बाद भारत सर्वदलीय शिष्टमंडल भेजता आया है। दरअसल, ये आतंकी घटनाएं 17-20 साल पहले की हैं। 17-20 साल पहले का भारत कुछ और था लेकिन आज का भारत कुछ और है। यह बदला हुआ और नया भारत है। आज आर्थिक, सैन्य, कूटनीतिक और राजनीतिक रूप से भारत की हैसियत और वैश्विक रुतबा पहले से कहीं ज्यादा है। वैश्विक मोर्चे पर भारत एक आवाज है। बड़े मुद्दों पर आज दुनिया चाहती है कि भारत कोई स्टैंड ले, कुछ कहे। आज भारत बहुध्रुवीय यानी मल्टीपोरल दुनिया का एक मजबूत स्तंभ और आवाज है जिसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता।

प्रोपगैंडा फैलाता आया है पाकिस्तान

क्या है आपकी दिक्कतों-मुसीबतों, कठिनाइयों और समस्याओं के बारे में सोचने और फिक्र करने के लिए औरों के पास इतना समय नही है। खासकर, पश्चिमी देश और उनकी सरकारें मोटे तौर पर अपनी मीडिया में कही-सुनी गई बातों को सच मान लेती हैं। पश्चिमी मीडिया में प्रोपगैंडा किस तरह चलता है, इसे तो आप जानते ही हैं। प्रपंच और प्रोपगैंडा रचने में पाकिस्तान का कोई मुकाबला नहीं है। इसमें वह खूब माहिर है। वह भले ही कुछ और न कर पाए, झूठ-फरेब, प्रोपगैंडा फैलाकर अपना नरेटिव सेट कर लेता है। दुनिया उसके प्रोपगैंडा को सच मान लेती है। इसलिए जरूरी था कि अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी सहित जितने भी बड़े देश और भारत के सहयोगी देश हैं, वहां भारत के लोग जाएं और अपना नरेटिव सेट करें।

नरेटिव जीतना जरूरी

देशों को यह बताया जाएगा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हमला कैसे हुआ, आतंकवादी कौन थे, कहां से आए। पाकिस्तान में कैसे इसकी साजिश रची गई। फिर 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर क्यों हुआ, ये सारी बातें पूरी डिटेल में इन देशों को बताई जाएंगी।

तब ये देश जाकर असलियत समझेंगे और आतंकवाद, पाकिस्तान के खिलाफ एक नरेटिव सेट होगा। पाकिस्तान के खिलाफ हमने जंग तो जीती ही है। अब नरेटिव भी जीतना है। नरेटिव जीतने के लिए नरेटिव सेट करना पड़ता है, लगातार बोलना पड़ता है। समझाना, बताना और समर्थन जुटाना पड़ता है।

पाक की होगी अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती

इसलिए नरेटिव का सेट होना जरूरी है। नरेटिव आपने नहीं जीता तो आप जीती हुई जंग भी हार जाते हैं। इसलिए सर्वदलीय शिष्टमंडल का भेजा जाना एकदम सही कदम है। शिष्टमंडल में भारत की सभी बड़ी पार्टियों के सांसद हैं। अलग-अलग दलों के सांसद भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ये सभी जब एक सुर में बोलेंगे तो इसका बहुत भारी असर होगा। पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय फजीहत और किरकिरी होगी।

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