प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 देशों के दौरे पर गए है, जिसमें वह जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की यात्रा करेंगे. चार दिनों की यात्रा में पीएम मोदी 17-18 दिसंबर को ओमान का दौरा करेंगे. हालांकि, अगर हम ओमान की बात करें तो ये एक मुस्लिम देश है, जहां की करेंसी की वैल्यू भारतीय रुपया के मुकाबले काफी ज्यादा है. वाइस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक 1 ओमानी रियाल की कीमत 236 रुपया है. इसका मतलब साफ है कि ओमान में कमाई गई रकम भारत में बहुत बड़ी वैल्यू रखती है.
उदाहरण के तौर पर, अगर कोई व्यक्ति ओमान में 500 OMR कमाता है और उसे भारत में बदलता है तो यह रकम करीब 1 लाख 18 हजार रुपये के बराबर होती है. यही वजह है कि ओमान में काम करने वाले भारतीय अपने परिवार को भारत में बेहतर आर्थिक सहारा दे पाते हैं.
ओमानी रियाल इतनी मजबूत क्यों है?
ओमानी रियाल की ताकत के पीछे कई बड़े कारण हैं. ओमान तेल और प्राकृतिक गैस से भरपूर देश है, जो उसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है. इसके अलावा ओमान की अर्थव्यवस्था काफी स्थिर है और विदेशी मुद्रा भंडार भी मजबूत स्थिति में है. एक और अहम कारण है देश की जनसंख्या कम और प्रति व्यक्ति आय ज्यादा है. कम आबादी और मजबूत राजस्व के कारण ओमान अपनी मुद्रा को स्थिर और शक्तिशाली बनाए रखने में सफल रहा है.
अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा ताकतवर
यह जानकर कई लोगों को हैरानी होती है कि ओमानी रियाल की कीमत अमेरिकी डॉलर से भी अधिक है. 1 ओमानी रियाल की कीमत 2.60 अमेरिकी डॉलर के बराबर है. दुनिया में बहुत कम ऐसी करेंसी हैं, जो डॉलर से ऊपर मानी जाती हैं और ओमानी रियाल उनमें शामिल है.
ओमान में भारतीयों की बड़ी मौजूदगी
ओमान में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समूह माना जाता है. विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार यहां 7 लाख 81 हजार भारतीय रह रहे हैं. भारतीय न केवल ओमान की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं, बल्कि वहां के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का भी अहम हिस्सा बन चुके हैं.
किन क्षेत्रों में काम करते हैं भारतीय?
ओमान में भारतीय प्रवासी मुख्य रूप से निर्माण, औद्योगिक, सेवा और व्यापारिक क्षेत्रों में काम करते हैं. इसके अलावा आईटी, मेडिकल, बिजनेस और शिक्षा के क्षेत्र में भी भारतीय पेशेवरों की अच्छी मौजूदगी है. बड़ी संख्या में भारतीय छात्र भी उच्च शिक्षा के लिए ओमान का रुख कर रहे हैं.

