Bullet train

अब होने जा रहा PM मोदी का 20 साल पुराना सपना साकार, जानिए देश में कब से दौड़ेगी बुलेट ट्रेन?

PM Modi Japan Visit: साल 2007 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब पहली बार उन्हें जापान की बुलेट ट्रेन का अनुभव हुआ. उसी दौरान जब उन्होंने ट्रेन के कॉकपिट से अंदर बैठकर उसे देखा तो उनके मन में भारत में बुलेट ट्रेन लाने का सपना जन्मा. बीस साल बाद, 2027 में, पीएम मोदी का गृह राज्य गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां बुलेट ट्रेन दौड़ेगी.
शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ जापानी बुलेट ट्रेन में यात्रा की. दोनों नेता बुलेट ट्रेन पर सवार होकर टोक्यो इलेक्ट्रॉन फैक्ट्री के दौरे पर गए. इस दौरान वे जापान की शिंकानसेन नई ALFA-X ट्रेन में सवार हुए. यह ट्रेन जापान की ई10 सीरीज़ शिंकानसेन जैसी है, जिसे भारत में मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट के तहत चलाने की योजना है. यह परियोजना भारत-जापान पार्टनरशिपकी एक प्रमुख पहचान है.
पीएम मोदी के मन का दूसरा सपना
इस जापान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो इलेक्ट्रॉन फैक्ट्री का भी दौरा किया. यह दुनिया की प्रमुख चिप उपकरण निर्माण इकाई है. यहां से पीएम मोदी के मन में एक और सपना जागा. उन्होंने 15 अगस्त को लाल किले से एलान किया था कि भारत को इस साल के अंत तक अपनी पहली ‘मेड इन इंडिया’ चिप मिलने वाली है. भारत मिशन मोड पर सेमीकंडक्टर निर्माण पर काम कर रहा है. देश में छह अलग-अलग सेमीकंडक्टर यूनिट्स जमीन पर आकार ले रही हैं और चार नई इकाइयों को भी हरी झंडी मिल चुकी है.

इस दौरे में दोनों देशों के बीच भारतीय बुलेट ट्रेन परियोजना के महत्व और उसके संचालन की शुरुआत में तेजी लाने की ज़रूरत पर सहमति बनी है. जापान भारत को लेटेस्ट सिग्नलिंग टेक्नोलॉजी उपलब्ध कराएगा और ई5 सीरीज़ शिंकानसेन रोलिंग स्टॉक की एक खेप देगा. 508 किलोमीटर लंबे मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट पर काम तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. गुजरात सेक्शन लगभग पूरा होने की कगार पर है और राज्य के आठ स्टेशन अंतिम रूप दिए जा रहे हैं.
देश में कब से दौड़ेगी बुलेट ट्रेन?
हाल ही में सरकार ने संसद को बताया कि गुजरात सेक्शन दिसंबर 2027 तक तैयार हो जाएगा, जबकि पूरा कॉरिडोर दिसंबर 2029 तक पूरा होने की संभावना है. अगर सरकार चाहे तो दिसंबर 2027 में गुजरात खंड पर बुलेट ट्रेन का संचालन शुरू किया जा सकता है. यह ठीक उसी साल होगा जब गुजरात विधानसभा चुनाव होंगे और इस तरह नरेंद्र मोदी की गुजरात को बुलेट ट्रेन देने की पुरानी प्रतिबद्धता पूरी हो जाएगी.
इस पूरे हाई-स्पीड कॉरिडोर की लंबाई 508 किलोमीटर है, जिसमें गुजरात और दादरा एवं नगर हवेली का हिस्सा 352 किलोमीटर और महाराष्ट्र का हिस्सा 156 किलोमीटर लंबा है. इस मार्ग पर 12 थीम आधारित बुलेट ट्रेन स्टेशन बनाए जा रहे हैं- गुजरात में साबरमती, अहमदाबाद, आनंद, वडोदरा, भरूच, सूरत, बिलीमोरा और वापी, जबकि महाराष्ट्र में बोईसर, विरार, ठाणे और मुंबई.
कहां तक पहुंचा बुलेट ट्रेन का काम?
इसमें 317 किलोमीटर का वायाडक्ट निर्माण पूरा हो चुका है. 396 किलोमीटर पर पिलर का काम पूरा हुआ है, 407 किलोमीटर पर पिलर फाउंडेशन तैयार हो चुका है और 337 किलोमीटर पर गार्डर कास्टिंग हो चुकी है. 17 नदियों पर पुल बन चुके हैं. आठ स्टील ब्रिज, पहला 100 मीटर स्पैन का 2×100 मीटर लंबा स्टील ब्रिज और पांच प्री-स्ट्रेस्ड कंक्रीट (PSC) ब्रिज तैयार किए जा चुके हैं.
गुजरात में वायाडक्ट पर शोर रोधी अवरोधक लगाने का काम जारी है. करीब 3,90,000 नॉइज़ बैरियर्स 195 किलोमीटर लंबे खंड पर लगाए जा चुके हैं. गुजरात में 198 ट्रैक किलोमीटर का ट्रैक बेड निर्माण हो चुका है. वायाडक्ट पर 200 मीटर लंबी रेल पैनलों को जोड़ने का काम भी चल रहा है.
गुजरात में ओवरहेड उपकरण (OHE) मास्त यानी मस्तूल की स्थापना जारी है. सूरत-बिलीमोरा बुलेट ट्रेन स्टेशनों के बीच लगभग 40 किलोमीटर के मुख्य वायाडक्ट पर 1,600 से अधिक OHE मस्त लगाए जा चुके हैं.
महाराष्ट्र में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) से शिलफटा तक 21 किलोमीटर लंबे सुरंग निर्माण का काम चल रहा है. शिलफटा और ADIT पोर्टल से नई ऑस्ट्रियन टनलिंग पद्धति द्वारा अब तक लगभग 4.5 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1