बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुस्लिम महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने की घटना को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है. देश के भीतर आलोचना के बाद अब इस मुद्दे पर पाकिस्तान की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे शर्मनाक बताया. इस बीच बिहार सरकार के मंत्री जमा खान ने मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा है कि इस पूरे मामले को जानबूझकर राजनीतिक रंग दिया जा रहा है.
क्या बोले पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार?
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने एक्स पर पोस्ट करते हुए इस घटना की निंदा की. उन्होंने कहा कि यह मामला अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा और इस्लामोफोबिया की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने की तत्काल जरूरत को उजागर करता है. डार ने अपने बयान में कहा कि महिलाओं और धार्मिक आस्थाओं के प्रति सम्मान हर समाज का मूल और गैर-समझौतावादी सिद्धांत होना चाहिए.
पाकिस्तान मानवाधिकार परिषद ने जांच की मांग की
इस मुद्दे पर पाकिस्तान की मानवाधिकार परिषद ने भी प्रतिक्रिया दी है. परिषद ने भारत सरकार से इस घटना की तुरंत पारदर्शी और निष्पक्ष जांच कराने का आग्रह किया है. एक्स पर जारी बयान में परिषद ने कहा कि यह घटना केवल एक व्यक्ति का अपमान नहीं है, बल्कि मानवीय गरिमा, धार्मिक स्वतंत्रता, महिलाओं की व्यक्तिगत स्वायत्तता और मौलिक मानवाधिकारों पर सीधा हमला है, जो किसी भी सभ्य, लोकतांत्रिक और तथाकथित धर्मनिरपेक्ष राज्य में स्वीकार्य नहीं हो सकता.
बिहार सरकार के मंत्री जमा खान ने किया मुख्यमंत्री का बचाव
चौतरफा आलोचना के बीच बिहार सरकार में मंत्री जमा खान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में सामने आए. उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे मुख्यमंत्री की कोई गलत मंशा नहीं थी. मीडिया से बातचीत में जमा खान ने कहा कि नीतीश कुमार समाज के हर वर्ग के लिए काम करते हैं और महिला डॉक्टर उन्हें अपनी बेटी के समान लगीं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक पिता या अभिभावक की तरह व्यवहार किया और उन्हें इस बात का गर्व था कि अल्पसंख्यक समुदाय की बेटी ने उनकी सरकार में सफलता हासिल की है.
विपक्ष पर अनावश्यक राजनीतिकरण का आरोप
जमा खान ने आरोप लगाया कि विपक्ष इस मुद्दे को बेवजह राजनीतिक रंग दे रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग बिना किसी ठोस कारण के मुख्यमंत्री पर निराधार आरोप लगा रहे हैं. साथ ही, उन्होंने हिजाब विवाद को लेकर मुख्यमंत्री को कथित तौर पर एक पाकिस्तानी डॉन से मिली धमकी की खबरों को सिरे से खारिज कर दिया. मंत्री ने कहा कि यह भारत है, यहां धमकियों का कोई महत्व नहीं है. हम भारतीय हैं और किसी से डरने वाले नहीं हैं.
15 दिसंबर को नियुक्ति पत्र वितरण के दौरान हुई घटना
यह पूरा विवाद 15 दिसंबर को शुरू हुआ, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 1,283 आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र सौंपे. इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे भी मंच पर मौजूद थे. इसी दौरान महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने की घटना सामने आई, जिसने बाद में राजनीतिक और सामाजिक विवाद का रूप ले लिया.

