Bihar Army Land: 6 जिलों में सेना की 150 एकड़ से अधिक जमीन पर कब्जा, मेजर ने नीतीश के मंत्री को लिखा लेटर

बिहार में सेना की 150 एकड़ से अधिक जमीन पर अतिक्रमण का मामला सामने आया है। सेना मुख्यालय झारखंड एवं बिहार सब एरिया दानापुर कैंट के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल विकास भारद्वाज ने राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल को पत्र लिखकर इस बारे में जानकारी दी है। पत्र में कहा गया है कि मुजफ्फरपुर-पटना सहित छह जिलों में सेना की जमीन पर अतिक्रमण किया गया है।

सेना की महत्वपूर्ण जमीन पर पिछले कई वर्षों से कब्जा नहीं हट पा रहा है। बार-बार पत्र लिखने के बाद कार्रवाई नहीं होने पर सेना की ओर से राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल को इस संबंध में पत्र जारी किया है। इसमें छह जिलों में सेना की डेढ़ सौ से अधिक एकड़ जमीन पर विभिन्न सरकारी विभागों और रैयतों द्वारा अतिक्रमण करने की बात कही गई है।

इस पत्र के बाद राजस्व विभाग ने संबंधित छह जिले के डीएम को सेना की जमीन से अतिक्रमण हटाते हुए रिपोर्ट मांगी है। सेना मुख्यालय झारखंड एवं बिहार सब एरिया दानापुर कैंट के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल विकास भारद्वाज द्वारा राजस्व मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि बिहार में जमीन के सर्वे को लेकर दस्तावेज सही किए जा रहे हैं।

राजस्व विभाग और एमएलआर के बीच जमीन को लेकर अंतर

सेना की जमीन को लेकर बिहार सरकार के राजस्व विभाग और मिलिट्री लैंड रिकॉर्ड (एमएलआर) में अंतर है। इसे देखते है जरूरत है बिहार सरकार के राजस्व विभाग और डिफेंस इस्टेट आफिसर (डीईओ) में तालमेल रखते हुए सेना की जमीन का म्यूटेशन किया जाए। जहां अतिक्रमण है वहां हटाया जाए। मेजर ने राजस्व मंत्री को सेना की जमीन पर अतिक्रमण की सूची भी उपलब्ध कराई है।

इन जिलों में जमीन पर कब्जा

इसके अलावा, जिस जमीन का म्यूटेशन नहीं हो सका है उसका भी विवरण दिया है। सेना के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह ने छह जिले मुजफ्फरपुर, पटना, रोहतास, गोपालगंज, गया और कैमूर के समाहर्ता को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि गलत म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) के कारण अतिक्रमण और अनावश्यक मुकदमेबाजी के मामले बढ़े हैं।

रक्षा भूमि के अभिलेख का रख-रखाव, म्यूटेशन एवं अतिक्रमण की गई जमीन से कब्जा हटाना जरूरी है। उन्होंने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने को कहा है। नियमानुसार कार्रवाई करते हुए इसकी रिपोर्ट विभाग को भी भेजने का आग्रह किया गया है।

गया में सर्वाधिक जमीन पर अतिक्रमणः

मेजर के पत्र के अनुसार, मुजफ्फरपुर में सेना की 9.36 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है। इनमें से 4.48 एकड़ पर बिहार सरकार और 4.88 एकड़ पर सिविलियन का कब्जा है। वहीं गया में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को 344.39 एकड़ सेना की जमीन दिए जाने का रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। वहीं यहां 1052.150 एकड़ में 1030.23 एकड़ जमीन ही सेना के पास है।

यहां 96.15 एकड़ को अलग करके वन विभाग का कब्जा बताया गया है। इसके अलावा दानापुर कैंट एरिया में 0.314 एकड़ जमीन पर बीएसएनएल का कब्जा बताया गया है। मनेर में 0.227 में पीडब्ल्यूडी, कल्याण पदाधिकारी और धार्मिक स्थल है। नौसा में 19.88 एकड़ पर बिहार मिलीट्री पुलिस का पूरी तरह कब्जा है।

हथुआ में 10.003 एकड़ में ग्रामीणों ने कब्जा कर रखा है। सासाराम में 10.06 एकड़ पर बीडीओ, ग्रामीण इंजीनियरिंग संगठन, पीडब्यूडी आदि का कब्जा है।

वहीं, इसी जिले के सरवन में 6.36 एकड़ पर बीएसईबी ने कब्जा जमाया है। डेहरी आन सोन में 1.086 एकड़ पर बिहार पुलिस और सिविलियन का कब्जा है। जहानाबाद में 18.96 एकड़ जमीन पर बिहार सरकार का अतिक्रमण है।

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