PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025: किसानों के लिए आज बुधवार को बड़ी खबर आ गई है. केंद्र सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025’ (PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025) को मंजूरी दे दी गई है. इस नई योजना पर सरकार करीब 24,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसका सीधा फायदा देश के करोड़ों किसानों को मिलेगा.
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की शुरुआत सरकार कई जिलों से कर सकती है. CNBC की रिपोर्ट के अनुसार, इस योजना का मकसद देश में सिंचाई सुविधाओं को और मजबूत बनाना है, जिससे किसानों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें.
पीएम धन-धान्य कृषि योजना का उद्देश्य
पीएम धन-धान्य कृषि योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में रोजगार की कमी को दूर करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है. इसके लिए सरकार कौशल विकास, तकनीक और निवेश के जरिए गांवों में समृद्धि और जलवायु के अनुसार अनुकूल हालात तैयार करने पर जोर दे रही है.
इस योजना के तहत दालों में आत्मनिर्भरता के लिए छह साल का ‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन’ शुरू किया जाएगा. साथ ही जलवायु के अनुसार अनुकूल बीज विकसित करने, उपज के भंडारण को बेहतर बनाने और किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य दिलाने की दिशा में काम होगा.
खेती को मिलेगा बढ़ावा
इस योजना की घोषणा बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी. इस योजना की मदद से खेती में नई तकनीकों को बढ़ावा देना और एक जैसी फसलें उगाने की बजाय अलग-अलग फसलों की खेती को प्रोत्साहन देना है.
साथ ही, जलवायु के हिसाब से अनुकूल खेती को बढ़ावा देने, गांव स्तर पर भंडारण, सिंचाई और कर्ज की सुविधाओं को बेहतर बनाने पर भी जोर दिया गया है. इस योजना का सबसे बड़ा फायदा छोटे और सीमांत किसानों को मिलने वाला है.
कई जिलों में लागू होगी ये योजना
सरकार पीएम धन धान्य योजना को देश के 100 ऐसे जिलों में लागू करेगी, जहां खेती की पैदावार औसतन कम है। इन जिलों में राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार खेती को बढ़ावा देने के लिए खास नीतियां बनाएगी, ताकि किसानों को सीधा लाभ मिल सके.
इस योजना का खास ध्यान उन किसानों पर होगा जिनके पास एक हेक्टेयर या उससे कम जमीन है. यानी छोटे और सीमांत किसान इसके मुख्य लाभार्थी होंगे. साथ ही महिला किसानों को भी इस योजना में विशेष बढ़ावा मिलेगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं खेती की ओर जुड़ सकें.