मोदी सरकार ने मेडिकल छात्रों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। देश में मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में सरकार द्वारा ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। अब ऑल इंडिया कोटे के तहत अंडरग्रेजुएट/पोस्ट ग्रेजुएट, मेडिकल तथा डेंटल शिक्षा में अब OBC वर्ग के छात्रों को 27% और कमजोर आय वर्ग (EWS) के छात्रों को 10% आरक्षण दिया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। मांडविया ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘इस निर्णय से मेडिकल तथा डेंटल शिक्षा में प्रवेश के लिए OBC तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) से आने वाले 5,550 छात्र लाभान्वित होंगे। देश में पिछड़े तथा कमजोर आय वर्ग के उत्थान के लिए उन्हें आरक्षण देने को सरकार प्रतिबद्ध है।
मोदी सरकार के इस निर्णय से हर साल एमबीबीएस में लगभग 1500 OBC छात्रों और स्नातकोत्तर में 2500 OBC छात्रों और MBBS में लगभग 550 ईडब्ल्यूएस छात्रों और स्नातकोत्तर में लगभग 1000 ईडब्ल्यूएस छात्रों को लाभ होगा। अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) योजना 1986 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत शुरू की गई थी ताकि किसी भी राज्य के छात्रों को दूसरे राज्य में स्थित एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में अध्ययन करने के लिए अधिवास-मुक्त योग्यता आधारित अवसर प्रदान किया जा सके।
अखिल भारतीय कोटा में कुल उपलब्ध यूजी सीटों का 15% और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल उपलब्ध पीजी सीटों का 50% शामिल है। शुरुआथ में, 2007 तक AIQ योजना में कोई आरक्षण नहीं था। 2007 में सर्वोच्च न्यायालय ने AIQ योजना में SC के लिए 15% और ST के लिए 7.5% आरक्षण की शुरुआत की।
जब 2007 में केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम प्रभावी हुआ तो OBC को एक समान 27% आरक्षण प्रदान किया गया। इसे सभी केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में लागू किया गया था। सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय आदि। हालांकि इसे राज्य के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों की एआईक्यू सीटों तक नहीं बढ़ाया गया था।
पीएम मोदी ने भी इस फैसले पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। PM Modi ने ट्वीट कर कहा है कि इस फैसले से मेडिकल फिल्ड में आने वाले छात्रों को काफी मदद मिलेगी। बता दें कि मोदी सरकार के इस निर्णय से अब हर साल अब MBBS में लगभग 1500 और स्नातकोत्तर के 2500 OBC छात्रों को लाभ होगा। वहीं MBBS के लगभग 550 और स्नातकोत्तर के लगभग 1000 कमजोर वर्ग के छात्रों को लाभ मिलेगा।

