8 महीने तक 40 डिग्री तापमान, क्या मार्च से ही बनेगा गर्मी का रिकॉर्ड? पढ़ें मौसम विभाग का अलर्ट

March could be more hotter: फरवरी के अंतिम सप्ताह में मुंबई में हीटवेव का अलर्ट जारी किया गया. अब मौसम विभाग ने मार्च से मई तक का पूर्वानुमान जारी कर कहा है कि दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों को छोड़कर देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा. आइए जान लेते हैं कि क्या इस बार मार्च से ही गर्मी का रिकॉर्ड बनेगा?

इस साल गर्मी में तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की आशंका जताई गई है. मौसम विभाग ने मार्च से मई तक का पूर्वानुमान जारी कर कहा है कि दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों को छोड़कर देश भर में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा. साथ ही हीटवेव का प्रकोप भी ज्यादा होगा. हाल में मुंबई में हीटवेव का अलर्ट जारी किया गया था. तापमान ने रिकॉर्ड बनाया था. आइए जान लेते हैं कि क्या इस बार मार्च से ही गर्मी का रिकॉर्ड बनेगा?

दरअसल, मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने गर्मी के तीन महीनों का पूर्वानुमान जारी किया है. उन्होंने कहा है कि इस दौरान मार्च में भी मासिक औसत तापमान सामान्य से ज्यादा रह सकता है. यानी की मार्च से मई के बीच ज्यादा गर्मी ज्यादा पड़ेगी. इसके साथ ही हीटवेव भी ज्यादा दिन चल सकती है.

पहले भी मार्च में पड़ती रही है गर्मी

केंद्रीय मौसम विभाग, भारत सरकार के पूर्व एडिशनल डायरेक्टर जनरल डॉ. आनंद शर्मा का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि मार्च के तापमान में बढ़ोतरी का पूर्वानुमान है. पहले भी मार्च से लेकर अक्तूबर तक में तापमान 39-40 डिग्री सेल्सियस तक गया है. इसके लिए अलग-अलग कारण जिम्मेदार होते हैं. अगर रात का न्यूनतम तापमान बढ़ेगा तो दिन में गर्मी होगी ही. वैसे भी मौसम विज्ञानी मार्च, अप्रैल और मई को गर्मी का सीजन मानते हैं. इसके बाद प्री मानसून, मानसून और पोस्ट मानसून सीजन होता है.

सर्दी का सीजन केवल दिसंबर-जनवरी होता है. इसलिए अगर मार्च में तापमान में वृद्धि होती है तो कोई आश्चर्यजनक बात नहीं होगी. फिर गर्मी तो तापमान बढ़ेगा ही और प्री मानसून से लेकर पोस्ट मानसून तक की अवधि में गर्मी पड़ती ही है. हालांकि, अच्छी बारिश होने पर इस दौरान तापमान कम भी रह सकता है.

साल 2021 में भी अधिक था औसत अधिकतम तापमान

साल 2021 में इसी अवधि के लिए अपनी समीक्षा में मौसम विभाग की ओर से कहा गया कि 1981-2010 की अवधि में सामान्य तापमान 31.24 डिग्री, 18.87 डिग्री और 25.06 डिग्री होने का अनुमान था. इसके बजाय पूरे देश के लिए मासिक अधिकतम, न्यूनतम और मध्यवर्ती तापमान 32.65 डिग्री, 19.95 डिग्री और 26.30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. यही नहीं, 32.65 डिग्री सेल्सियस के साथ मार्च 2021 में पूरे देश का औसत मासिक अधिकतम तापमान इसके पहले के 11 साल के मुकाबले सबसे अधिक रहा.

यही नहीं, मार्च 2021 इसके पहले के पिछले 121 सालों में तीसरा सबसे गर्म मार्च था. इसके पहले साल 2010 और 2004 में यह तापमान 33.09 डिग्री और 32.82 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.

यही नहीं, मार्च 2021 इसके पहले के पिछले 121 सालों में तीसरा सबसे गर्म मार्च था. इसके पहले साल 2010 और 2004 में यह तापमान 33.09 डिग्री और 32.82 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.

40 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया था पारा

मार्च 2021 में देश के कई हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया था. 29-31 मार्च के बीच कई जगहों पर लू भी चली थी. तब 30-31 मार्च के बीच पूर्वी राजस्थान और 31 मार्च को ओडिशा व पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्रों, तमिलनाडु के कुछ स्थानों और तटीय आंध्र प्रदेश में भी लू चली थी. 30 मार्च 2021 को तो बारीपदा (ओडिशा) में अधिकतम तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था. मौसम विभाग ने कहा है कि इस साल भी मार्च में देश के ज्यादातर हिस्से हीट वेब की चपेट में आने की संभावना है.

यह भी हो सकता है एक कारण

मौसम विभाग का कहना है कि जनवरी और फरवरी में देशभर में बारिश सामान्य से 59 फीसदी कम रही. उत्तर- पश्चिम भारत में तो यह 64.4 फीसदी कम रही है. इसके कारण धरती की सतह की गर्मी नहीं गई और दोनों महीनों में तापामन सामान्य से ज्यादा रहा. फरवरी 2025 का औसत तापमान तो अब तक का सर्वाधिक दर्ज किया गया है. इसमें तो 1.34 डिग्री की वृद्धि हुई है जो 1901 के बाद से सर्वाधिक है. इसके मुकाबले औसत न्यूनतम तापमान मे 1.20 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है. यह भी अब तक की सर्वाधिक वृद्धि है.

मौसम विभाग ने बताया है कि मार्च में करीब 29.9 मिमी बारिश होती है. पूर्वानुमान के अनुसार, इससे कम या ज्यादा बारिश की बड़ी रेंज है. यानी कम या ज्यादा बारिश के बराबर आसार हैं. अगर बारिश कम होती है तो जाहिर है कि गर्मी बढ़ेगी ही.

1991 से 2020 के बीच ऐसा रहा तापमान

नई दिल्ली के सफदरजंग में साल 1991 से 2020 के बीच मार्च का अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ था. इस दौरान यहां औसत अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री दर्ज किया गया. इसी अवधि में सितंबर में भी दिल्ली का अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस रहा. सितंबर में औसत अधिकतम तापमान 37.1 डिग्री सेल्सियस रहा. हालांकि, सालाना अधिकतम तापमान मई में 47.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. इस दौरान अधिकतम औसत तापमान 44.8 डिग्री सेल्सियस रहा.

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