इंडो-चाइना विवाद (Indo-Chine Controversy) के बीच केंद्र सरकार (central government) ने चीन (China) को बड़ा झटका दिया है। बॉयकॉट चीन मुहिम (Boycott China Campaign) को तेज करते हुए बिहार (Bihar) में गंगा नदी (Ganga River) पर बनने वाले एक मेगा ब्रिज परियोजना के टेंडर को रद्द कर दिया है क्योंकि इसमें चीनी कंपनियां शामिल हैं। इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी। इस मेगा ब्रिज का निर्माण पटना में गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के पास में होना था। पुल का टेंडर रद्द किए जाने की पुष्टि बिहार सरकार में सड़क निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने भी की। उन्होंने कहा कि प्रॉजेक्ट के लिए चुने गए चार कॉन्ट्रैक्टर में से दो के पार्टनर चाइनीज थे।
नंद किशोर यादव ने कहा, “महात्मा गांधी सेतु के साथ बनने जा रहे नए पुल के लिए चुने गए 4 कॉन्ट्रैक्टर्स में से 2 के पार्टनर चाइनीज थे। हमने उन्हें पार्टनर बदलने को कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए हमने टेंटर को रद्द कर दिया है। हमने पुल के निर्माण के लिए दोबारा आवेदन मंगवाए हैं।”
16 दिसंबर, 2019 को PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर केंद्र सरकार की कैबिनेट समिति ने इस परियोजना को मंजूरी दी गई थी। अधिकारियों ने कहा कि प्रस्तावित पुल को गंगा नदी के पार महात्मा गांधी सेतु के समानांतर बनाया जाना था और इससे पटना, सारण और वैशाली जिले के लोगों को मदद मिलेगी। मुख्य पुल के अलावा, परियोजना में 4 वाहन अंडरपास, एक रेल ओवरब्रिज, एक 1.58 किलोमीटर लंबा एक पुल, एक फ्लाईओवर, चार मामूली पुल, पांच बस शेल्टर और 13 सड़क जंक्शन शामिल हैं। परियोजना की निर्माण अवधि साढ़े तीन साल थी और इसे जनवरी, 2023 तक पूरा किया जाना था।
वहीं अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि संपूर्ण परियोजना की पूंजी लागत, जिसमें 5.6 किलोमीटर लंबा पुल, अन्य छोटे पुल, अंडरपास और एक रेल ओवरब्रिज शामिल हैं, अनुमानित रूप से 2,900 करोड़ रुपये से अधिक थी। इस परियोजना को रद्द करने का निर्णय 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गैलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की हत्या की पृष्ठभूमि में आया था।
बता दें, चीन ने पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून को भारतीय सैनिकों पर धोखे से हमला कर दिया था। जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसमें 5 जवान बिहार के भी थे। इसके बाद पूरे राज्य में लोगों का गुस्सा चीन पर है। लोगों ने चीनी उत्पादों और व्यापारिक संस्थाओं के बहिष्कार के लिए व्यापक आह्वान किया है।