किसान आंदोलन से जुड़े केस की पैरवी को लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल में तल्खी बढ़ रही है। दिल्ली सरकार ने तय कर दिया है कि सरकार का पैनल ही कोर्ट किसान आंदोलन के केस को लेकर कोर्ट जाएगा। Deputy CM Manish Sisodia का कहना है कि पहले भी केस को लेकर वकीलों का पैनल बनाया गया था। लेकिन LG Anil Baijal ने इसे खारिज कर दिया। अब कैबिनेट की बैठक में दोबारा सरकार के वकीलों को नियुक्त कर दिया गया है। मंजूरी के लिए फाइल एलजी को भेज दी गई है।
केंद्र सिसोदिया ने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार सरकार एलजी के माध्यम से दिल्ली की चुनी हुई सरकार के काम को प्रभावित कर रही है। संविधान में LG को कुछ अधिकार दिए हैं। मगर उस विटो पावर का प्रयोग हर मामले में नहीं कर सकते है। उन्होंने कहा कि जो काम दिल्ली सरकार के दायरे में आते है उसपर फैसला लेने का अधिकार भी दिल्ली सरकार के पास है। यह पांच जजों की बेंच ने कहा है। इसमें एलजी को विटो पावर दिया है कि LG सरकार को राय दे सकते हैं। मगर यह बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यों के लिए ही दिया गया है।
Deputy CM Manish Sisodia का कहना है कि मगर एलजी आए दिन दिल्ली सरकार के कामकाज में अड़ंगा लड़ाने के लिए अपने विटो पावर का प्रयोग कर रहे हैं। वह कभी राशन का काम रोक देते हैं। कभी वकील का काम रोक देते हैं, सिसोदिया ने कहा,’ मेरी LG और केंद्र सरकार से अपील है कि चुनी हुई सरकार को काम करने दें। उस पर बार-बार हस्तक्षेप ना करें। इस तरह के मामले में LG का हस्तक्षेप कर जजों के फैसले व संविधान का मजाक बना रहे हैं। मेरी केंद्र सरकार व एलजी से अपील है कि वह दिल्ली सरकार को उसका काम करने दें। वह संविधान में दी गई पावर का दुरूप्रयोग ना करिए।
दिल्ली पुलिस का पैनल सरकार ने किया खारिज
बता दें कि अरविंद केजरीवाल कैबिनेट ने दिल्ली पुलिस के वकीलों का पैनल खारिज कर दिया था। दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने फैसला किया था कि राज्य सरकार के वकील ही किसान आंदोलन से जुड़े मामलों में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर होंगे। जबकि उपराज्यपाल चाहते थे कि केजरीवाल सरकार दिल्ली पुलिस के सुझाये वकीलों के पैनल को मंजूरी दे दे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. क्योंकि दिल्ली सरकार सरकारी वकीलों के पैनल को ही किसानों जुड़े मामलों में लगाना चाहती थी। इसके तहत ही कैबिनेट ने पुलिस के वकीलों के पैनल को खारिज कर दिया।