प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिका भारत के रणनीतिक और साझेदारी फोरम (यूएसआइएसपीएफ) के तीसरे सम्मेलन को संबोधित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 1.3 अरब भारतीयों का एक ही मिशन है ‘आत्मनिर्भर भारत… आत्मानिर्भर भारत लोकल को ग्लोबल में बदलता है। यह सुनिश्चित करता है कि भारत की ताकत वैश्विक शक्ति को मजबूती देने का काम करे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब 2020 शुरू हो रहा था तो किसी ने सोचा नहीं था कि ऐसी महामारी आएगी। महामारी ने कई चीजों को प्रभावित किया है लेकिन इसने 1.3 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को प्रभावित नहीं किया है। 1.3 अरब भारतीयों ने एक मिशन पर काम किया है ताकि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण किया जा सके। आत्मानिर्भर भारत लोकल को ग्लोबल में बदलता है। यह भारत की ताकत को वैश्विक शक्ति को मजबूती देने का काम करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे Corona पीरियड के दौरान, Lockdown के समय भारत सरकार का एक ही मकसद था – गरीबों की रक्षा करना। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पूरे विश्व की सबसे बड़ी समर्थन प्रणाली है। इसके तहत लगभग 800 मिलियन लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध करवाया गया।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास के लिए एक मानव केंद्रित नजरिए को आगे बढ़ाना। वर्तमान स्थिति एक नई मानसिकता की मांग करती है। एक मानसिकता जिसका दृष्टिकोण विकास के लिए मानव केंद्रित हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत पहला ऐसा देश था जिसने सबसे पहले मास्क का इस्तेमाल और फेस कवर करने को एक हेल्थ मेज़र की तरह लिया। हमने सबसे पहले Social Distancing के लिए पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन चलाए थे!
- महामारी ने कई चीजों को प्रभावित किया है लेकिन इसने 1.3 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को प्रभावित नहीं किया है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि जनवरी में हमारे पास Corona संक्रमण की जांच के लिए एक टेस्टिंग लैब थी। मौजूदा वक्त में देशभर में 1600 टेस्टिंग लैब हैं। यही नहीं भारत में डेथ रेट दुनियाभर के मुकाबले काफी कम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि Corona महामारी ने पूरी दुनिया को परेशान किया है। यह महामारी हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है। - USISPF के अध्यक्ष मुकेश अघि ने कहा कि मोदी का भाषण दोनों देशों की साझेदारी में आपसी निर्भरता में जीत की तस्वीर दिखा सकता है। उन्होंने इस समिट को संबोधित करने के लिए अपना बेशकीमती वक्त निकाला है जो मौजूदा चुनौतीपूर्ण माहौल में अमेरिका और भारत के महत्वपूर्ण संबंधों को दिखाता है।
यह दोनों देशों के लिए फायदे की साझेदारी है जो पारस्परिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक वैज्ञानिक साझेदारी पर निर्भर है।
31 अगस्त से चल रहे इस 5 दिवसीय शिखर सम्मेलन का विषय अमेरिका-भारत की नई चुनौतियां हैं। इसमें विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है। इसमें कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं। अमेरिकी उप विदेश मंत्री माइक पेंस और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इसमें अपना भाषण दे चुके हैं। इसमें भारत का वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की क्षमता, भारत के गैस बाजार में अवसर, सार्वजनिक स्वास्थ्य और अन्य में नवाचार जैसे मसले शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी 26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा की वर्चुअल बैठक को भी संबोधित कर सकते हैं। 193 सदस्य देशों के वैश्विक निकाय ने की ओर से जारी सूची के मुताबिक, अमेरिका संयुक्त राष्ट्र का मेजबान देश है और इस साल राष्ट्रपति Donald Trump अकेले ऐसे वैश्विक नेता होंगे जो इस बैठक को व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहकर संबोधित करेंगे। संयुक्त राष्ट्र के 75 साल के इतिहास में पहली बार महासभा का वार्षिक सत्र ऑनलाइन माध्यम से हो रहा है।

