बीजेपी को नहीं मिलेगा मियां मुस्लिम का वोट… कौन होते हैं ये जिनको लेकर CM हिमंत ने किया बड़ा दावा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि बीजेपी को मियां मुसलमानों का वोट नहीं मिलेगा, जबकि असमिया मुसलमानों का समर्थन मिलेगा. उन्होंने राज्य की आबादी के पैटर्न के आधार पर बीजेपी की 103 सीटों तक पहुंच की बात कही है.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अक्सर मियां मुसलमानों पर हमलावर रहते हैं. एक बार फिर मियां मुसलामनों के लेकर उन्होंने बड़ा बयान दिया है. CM हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “असम में हम 100 से ज़्यादा सीटें नहीं जीत सकते. यह आबादी का पैटर्न है. हम असम की 126 सीटों में से 103 पर चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम दूसरी सीटों पर नहीं लड़ सकते.”

उन्होंने आगे कहा कि आबादी के पैटर्न के हिसाब से, BJP और हमारी सहयोगी पार्टियां सिर्फ़ 103 सीटों तक ही पहुंच सकती हैं. हमारी पहुंच 103 सीटों पर होगी. पहले BJP 90 चुनाव क्षेत्रों में चुनाव लड़ती थी. लेकिन डिलिमिटेशन के बाद, 10-15 नए चुनाव क्षेत्र बन गए हैं, जहां आज कोई MLA नहीं है. इस बार हम युवाओं और महिलाओं को आगे ला सकते हैं. BJP को असमिया मुसलमानों का वोट मिलेगा, लेकिन मियां मुसलमानों का वोट नहीं मिलेगा.”

कौन होते हैं मियां मुसलमान?

असम में मियां मुसलमान उन बंगाली मूल के मुसलमानों को कहा जाता है, जिनके पूर्वज मुख्य रूप से 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी के शुरुआती दशकों में पूर्वी बंगाल (आज का बांग्लादेश) से असम आए थे. ये लोग ज्यादातर ब्रिटिश काल में चाय बागानों में मजदूरी करने और चार क्षेत्रों में खेती के लिए लाए गए थे.

इनमें से अधिकांश 1971 से पहले के प्रवासी हैं, लेकिन इन पर अक्सर संदिग्ध नागरिक या घुसपैठिया बांग्लादेशी होने का आरोप लगाया जाता रहा है. मियां शब्द मूल रूप से बंगाली में साहब/महाशय के अर्थ में इस्तेमाल होता था, लेकिन असम में यह इन बंगाली मुसलमानों के लिए एक तरह का जातिसूचक (derogatory) शब्द बन गया है.

कोर कमेटी की मीटिंग के बाद समझाया सीट- शेयरिंग फॉर्मूला

शुक्रवार को गुवाहाटी में BJP की स्टेट कोर कमेटी की मीटिंग के बाद रिपोर्टर्स से बात करते हुए, सरमा ने सीट- शेयरिंग फॉर्मूला समझाते हुए कहा कि जिन सीटों पर चुनाव लड़ा जा सकता है, वे राज्य के पॉपुलेशन पैटर्न को दिखाती हैं, जो उनके मुताबिक नैचुरली BJP के जीतने की संभावना को कम करता है.

उन्होंने कहा कि BJP ने हमेशा युवाओं को मौके दिए हैं और हर चुनाव में नए उम्मीदवारों को मौका दिया जाता है और इस बार डिलिमिटेशन की वजह से उनके पास बेहतर मौका है, जिससे नए चुनाव क्षेत्र बने हैं.

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