हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पर्यावरण गतिविधि विभाग की ओर से आयोजित प्रकृति वंदन कार्यक्रम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना की है। उन्होंने पत्र लिख कर कहा है कि यह जानकर प्रसन्नता हुई कि हिंदू आध्यात्मिक और सेवा फाउंडेशन, मातृ प्रकृति के सम्मान के रूप में प्रकृति वंदन कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। वृक्ष वंदन और वृक्ष आरती, मातृ पृथ्वी के लिए प्यार और देखभाल दिखाने के महान तरीके हैं।

कार्यक्रम को इस तरीके से बनाया गया है कि लोग कार्यक्रम से जुड़ सकें और अपने घरों से वृक्ष आरती कर सकें। वर्तमान समय के दौरान यह विचारशील है। प्रकृति के साथ सद्भाव से रहना हमेशा से हमारा जीवन रहा है। 130 करोड़ देशवासी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठा रहे हैं। परिणाम पहले से ही है और पिछले कुछ वर्षों में भारत देश के पेड़ और वन क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि के साथ आगे बढ़ गया है। उल्लेखनीय है कि 30 अगस्त को कार्यक्रम का आयोजन भारत के साथ-साथ 25 देशों में किया जा रहा है।
सुबह 10 से 11 बजे तक आयोजित इस कार्यक्रम के तहत लोग अपने घरों में गमलों में लगाए गए पेड़ों की पूजा करेंगे। संघ प्रमुख मोहन भागवत का भी संबोधन होगा। प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि हम एक उत्साही तरीके से बड़ी प्रगति ले रहे हैं ताकि आने वाली पीढ़ी को और भी बेहतर पृथ्वी मिल सके। हिंदू आध्यात्मिक और सेवा फाउंडेशन की पहल हमारे देश की समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए राष्ट्र के सामूहिक संकल्प को मजबूत करेगी।
सनातन और प्रेम, सद्भाव, करुणा और भाईचारे के सार्वभौमिक संदेश के प्रचार के प्रयास में हिंदू आध्यात्मिक और सेवा फाउंडेशन का काम जारी है। आयोजकों और प्रतिभागियों को संरक्षण के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं। उधर, आरएसएस के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख स्वांत रंजन ने भी समाज के लोगों से कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की है। वहीं विकास भारती के सचिव पद्मश्री अशोक भगत ने भी कहा है कि हम सभी को पर्यावरण की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। प्रकृति वंदन कार्यक्रम में सभी लोगों को परिवार के साथ शामिल होना चाहिए।