रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से पहले रक्षा के क्षेत्र में बड़ी खुशखबरी आई है. भारत और रूस के बीच न्यूक्लियर सबमरीन को लेकर करार हुआ है. रूस सबमरीन परमाणु संयत्र से चलने वाली एसएसएन (चक्र क्लास) सबमरीन भारत को लीज पर देगा. रूस ने 2028 तक इस न्यूक्लियर सबमरीन को रिफिट कर देने का भरोसा दिया है. नौसेना प्रमुख ने बताया कि भारत चाहता है कि उसे यह न्यूक्लियर सबमरीन साल 2027 तक मिल जाए.
ये दूसरी परमाणु पनडुब्बी है जो भारत को रूस से मिलने जा रही है. इससे पहले 2012 में रूस से आईएनएस चक्र सबमरीन 10 वर्षों के लिए लीज पर ली थी. 2022 में वापस रूस चली गई थी. ये न्यूक्लियर सबमरीन कई-कई हफ्तों तक पानी के भीतर रह सकती है. इससे किसी भी देश की समुद्री ताकत और बढ़ जाती है. ये सबमरीन 10 साल के लिए भारत को लीज पर दी जाएगी.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार (2 दिसंबर 2025) को बताया कि राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के दौरान एस-400 डिफेंस सिस्टम भारत को देने के एजेंडे में शामिल हो सकता है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन राजकीय दौरे पर 4-5 दिसंबर को भारत आएंगे. इस दौरान वे 23वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में शामिल होंगे. इस दौरान पुतिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे. भारत और रूस अब अपनी दोस्ती को व्यापारिक साझेदारी में भी बढ़ाने की ओर अग्रसर हैं. यही कारण है कि ट्रेड को लेकर भी दोनों देशों के बीच बातचीत हो रही है.
व्लादिमीर पुतिन का यह राजकीय दौरा कई मायनों में खास माना जा रहा है. यह दौरा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास की समीक्षा करने के साथ ‘स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप’ को मजबूत करने के लिए एक विजन तय करेगा.

