Coronavirus बहुत तेजी से पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेता जा रहा है। यह दुनिया के लिए चिंता का सबब है और इससे पार पाने के लिए टीके की तलाश जारी है। हालांकि इन सब के बीच कई देशों में वायरस के प्रसार को लेकर सामने आए नए अध्ययनों ने होश उड़ा दिए हैं।
अभी तक यह समझा जा रहा था कि कोरोना का वायरस उन लोगों द्वारा प्रसारित किया जाता है, जिनमें बुखार, कफ और मुश्किल से सांस ले पाने जैसे लक्षण होते हैं। हालांकि मेसाचुसेट्स के Coronavirus समूह के 82 मामलों में किसी भी प्रकार के लक्षण नजर नहीं आए। आधा दर्जन अध्ययन यह बताते हैं कि लक्षणों के बिना भी लोग संक्रमण का कारण बन रहे हैं।
कई विशेषज्ञों ने कहा कि अभी तक यह निश्चित नहीं है कि वायरस के प्रसार में कितने फीसद लोग अपना योगदान देते हैं जो कि स्पष्ट रूप से बीमार हैं या फिर वे जिनमें कोई लक्षण नहीं है या बहुत ही कम लक्षण नजर आते हैं। हालांकि यह स्पष्ट है कि जो लोग बिना लक्षण या जिनमें हल्के लक्षण पाए जाते हैं, वह पूर्व की अपेक्षा अधिक प्रसार के लिए जिम्मेदार है।
मिनेसोटा विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर इंफेक्शियस डिजीज रिसर्च एंड पॉलिसी के निदेशक माइकल ओस्टरहोम ने कहा कि हम जानते हैं कि इस वायरस को फैलाने में बिना लक्षण के प्रसार की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि यह संक्रमण महामारी को ईंधन दे सकता है, जो इसे नियंत्रित करने के लिए बहुत मुश्किल है। दो सप्ताह पूर्व बिल एंड र्मेंलडा गेट्स फाउंडेशन के सह अध्यक्ष बिल गेट्स ने न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में एक लेख लिखा था। इसमें उन्होंने उन लोगों को लेकर चिंता व्यक्त की थी, जिनमें लक्षण विकसित नहीं हुए हैं अथवा जो थोड़ा सा बीमार है।
अलग-अलग दावे : अमेरिका के केंद्रीय अधिकारियों के मुताबिक, बिना किसी लक्षण के प्रसार कारण हो सकता है, लेकिन यह वायरस के प्रसार का महत्वपूर्ण कारक नहीं है। अमेरिकी स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजर ने एक मार्च को एक कार्यक्रम में कहा कि बिना लक्षण के प्रसार कोरोना वायरस के प्रसार का बड़ा कारण नहीं है। आपको वास्तव में उन व्यक्तियों पर ध्यान रखना चाहिए जिनमें इसके लक्षण हैं। इसे काबू में करने की रणनीति लक्षण की प्रस्तुति पर निर्भर करती है। कुछ प्रसार लक्षणों के पूर्व भी हो सकते हैं।
लक्षण नहीं, वायरल लोड ज्यादा : दुनिया के अन्य हिस्सों से भी इस तरह की रिपोर्ट है कि जिन लोगों में लक्षण नहीं पाए जाते या फिर बहुत कम लक्षण पाए जाते हैं, वे प्रसार के लिए महत्वपूर्ण हैं। जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में स्थित इंस्टीट्यू्रट ऑफ मेडिकल वाइरोलॉजी की डायरेक्टर डॉ. सांद्रा क्लेसेक ने 24 यात्रियों का परीक्षण किया, जो इजरायल से आए थे। इनमें से 7 Coronavirus से संक्रमित पाए गए। इनमें से चार में कोई लक्षण नहीं पाए गए। क्लेसेक यह देखकर अचंभित थीं कि जिन मरीजों में लक्षण नहीं पाए गए उनके नमूनों का ‘वायरल लोड’, उन तीन मरीजों जिनमें लक्षण पाए गए हैं, से ज्यादा था।
वायरल लोड : यह किसी व्यक्ति के श्वसन में वायरस की सांद्रता तय करने का मात्रक होता है। ज्यादा लोड का अर्थ है कि वह व्यक्ति संक्रमण का अन्य व्यक्तियों में ज्यादा प्रसार करता है। बेल्जियम और डच शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन से पता चलता है कि सिंगापुर समूह में 91 लोगों में से 48 फीसद और 66 फीसद के मध्य किसी ऐसे व्यक्ति से संक्रमण मिला जिसमें पहले से लक्षण थे जबकि तिआनजिन समूह में 135 लोगों में से यह 62 फीसद और 77 फीसद के मध्य था। कनाडा, डच और सिंगापुर के शोधकर्ताओं ने तियानजिन और सिंगापुर में एक ही प्रकोप को देखा और पाया कि प्रत्येक स्थान पर क्रमश: लक्षण शुरू होने से पहले 2.55 दिन और 2.89 दिनों में संक्रमण फैल गया था।