ओमिक्रॉन खतरे के बीच, ओडिशा में जोखिम वाले देशों से लौटने वालों के 246 नमूने जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए जीवन विज्ञान संस्थान (आईएलएस) भुवनेश्वर भेजे गए. एक अधिकारी ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है.
सूत्रों के अनुसार, कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता चलने के बाद से 800 से अधिक व्यक्ति विदेशों से राज्य में लौटे हैं.
आईएलएस के निदेशक अजय परिदा ने कहा, “हमें जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए विभिन्न जिलों से विदेशी रिटर्न के 246 नमूने प्राप्त हुए हैं ताकि ओमिक्रॉन वेरिएंट की उपस्थिति का पता लगाया जा सके.
ये सभी व्यक्ति आरटी-पीसीआर परीक्षण के दौरान कोविड पॉजिटिव पाए गए थे. परिणाम अगले दो या तीन दिनों में पता चल जाएगा.
उन्होंने कहा कि इससे पहले विदेश से लौटे लोगों के 141 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई थी. हालांकि, सौभाग्य से, एक भी नमूना ओमिक्रॉन वेरिएंट का नहीं पाया गया.
प्रोटोकॉल के अनुसार, परिदा ने कहा, जीनोम सीक्वेंसिंग से पहले नमूनों का आरटी-पीसीआर परीक्षण का एक और दौर आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन नमूनों की सीटी वैल्यू 28 से कम है, उन्हें जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए चुना जाएगा.
स्वास्थ्य मंत्री नबा किशोर दास ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है और राज्य सरकार स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है. दास ने कहा, “डब्ल्यूएचओ नए वेरिएंट पर एक अध्ययन कर रहा है और बहुत जल्द वैरिएंट के खिलाफ हमारे टीकों की प्रभावशीलता का पता चल जाएगा.”
जन स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्रा ने कहा, “विदेशी रिटर्न पर केंद्र द्वारा प्रदान की गई जानकारी जिला प्रशासन के साथ साझा की जा रही है और परीक्षण और ट्रेसिंग की जा रही है.”
उन्होंने जोखिम वाले देशों से लौटे लोगों से अपील की है कि वे अपने परिवारों की सुरक्षा और भलाई के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण कराएं.

