बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों को संबोधन के दौरान जब राष्ट्रपति ने नागरिकता संशोधन ऐक्ट (CAA) का जिक्र किया । राष्ट्रपति ने जैसे ही अपने अभिभाषण में कहा कि विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि हिंदू और सिख जो पाकिस्तान में नहीं रहना चाहते हैं, वे भारत आ सकते हैं। उन्हें सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है। राष्ट्रपति के यह बोलते ही केंद्रीय कक्ष में मौजूद सत्ता पक्ष के सासंदों ने जमकर मेजें थपथपाईं।
PM नरेंद्र मोदी ने भी अभिभाषण की इन बातों का समर्थन करते हुए करीब एक मिनट तक मेज थपथपाई। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा, ‘पूज्य बापू और समय-समय पर अनेक नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी इसे बढ़ाया। मुझे खुशी है कि CAA बनाकर उनकी इच्छी को पूरा किया गया।’
सत्ता पक्ष मेजें थपथपाने के बाद विपक्षी दलों के सांसदों ने इसका विरोध भी किया और राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान व्यवधान भी पड़ा। विपक्षी दल शेम-शेम कहते हुए कुछ देर तक CAA का विरोध करते रहे। संसद ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंग्लादेश में रह रहे धार्मिक अल्पसंख्यकों को कानून बनाकर भारत की नागरिकता देने वाला कानून पास किया है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारे राष्ट्र निर्माताओं की इच्छा का सम्मान करना हमारा दायित्व है। मुझे खुशी है कि दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून बनाकर उनकी इच्छा को पूरा किया गया।’