भारतीय जनता पार्टी ने बिहार चुनाव की कमान केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान के हाथों में सौंप दी है. पार्टी ने धर्मेंद्र प्रधान को प्रदेश प्रदेश चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है. वहीं केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सह प्रभारी नियुक्त किया है.
बीजेपी ने बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में होने वाले आगामी चुनाव को लेकर चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी की लिस्ट जारी कर दी है. बीजेपी ने बिहार के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रभारी और चुनाव सह प्रभारी सीआर पाटिल और केशव प्रसाद मौर्य को बनाया है. पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव हैं और तमिलनाडु के चुनाव प्रभारी की कमान विजंयक जय पांडा को सौंपी है.
बीजेपी चुनाव प्रभारी की लिस्ट हुई जारी
भारतीय जनता पार्टी ने बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडू में होने वाले आगामी चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने अपनी रणनीति को धार देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. बीजेपी ने इन राज्यों में चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी की लिस्ट जारी कर दी है. जिन दिग्गज नेताओं को इस बार के चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है, उनमें धर्मेंद्र प्रधान, विजयंत जय पांडा, सीआर पाटिल और केशव प्रसाद मौर्य जैसे कई बड़े नेता शामिल हैं.
दरअसल, बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में चुनाव होने वाले हैं. एक तरफ जहां बिहार में नवंबर में ही तय हो जाएगा कि इसकी कमान अगले पांच सालों तक किसके हाथों में रहेगी, वहीं पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु की जनता साल 2026 में एक बार फिर राजनीतिक पार्टियों की किस्मत का फैसला करेगी.
इन नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी
बीजेपी ने बिहार में होने वाले चुनाव की रणनीति को मजबूत करने के लिए वहां की जिम्मेदारी ऐसे नेताओं को सौंपी है, जो अपने आप में बड़े नेता हैं. उन्होंने बिहार का चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान को बनाया है. वहीं चुनाव सह प्रभारी सीआर पाटील और केशव प्रसाद मौर्य को बनाया गया है.
बंगाल का चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी विप्लव देव को बनाया गया है. अगर तमिलनाडु की बात करें, तो बीजेपी ने इस बार यहां के चुनाव की जिम्मेदारी विजंयक जय पांडा को चुनाव प्रभारी और मुरलीधर मोहोल को सह प्रभारी बनाकर सौंपी है.
बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज
जैसे-जैसे बिहार चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सियासी सरगर्मी तेज हो रही है. इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर है. इसलिए बिहार चुनाव को लेकर कोई भी पार्टी रिस्क लेना नहीं चाहती. एक तरफ जहां बीजेपी चुनाव जीतने की अपनी तैयारियां कर रही है, वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी भी इस बार कोई कसर नहीं छोड़ रहे है.