राज्यसभा में ममता के सांसद की अमित शाह पर टिप्पणी और सुधांशु त्रिवेदी के ‘मिनी बांग्लादेश’ बयान पर हंगामा हुआ. अमित शाह ने बचाव में कहा कि त्रिवेदी ने व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की.
राज्यसभा में बुधवार को गर्मागर्म बहस देखने को मिली. पहले ममता के सांसद ने गृहमंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसे लेकर खूब शोर शराबा मचा. बाद में बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने असम के धुबरी को मिनी बांग्लादेश बताकर ऐसा बयान दिया कि विपक्ष विफर पड़ा. हंगामा इतना बढ़ा कि गृहमंत्री अमित शाह को मैदान में उतरना पड़ा.
हुआ कुछ यूं, राज्यसभा में गृह विभाग को लेकर चर्चा चल रही थी. तभी सुधांशु त्रिवेदी ने असम के धुबरी में रोकिबुल हुसैन की जीत को लेकर टिप्पणी की. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, विपक्ष नहीं चाहता कि एनआरसी हो. एनआरसी कई मुद्दे हल कर देगा, लेकिन वे इसे नहीं होने देना चाहते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत धुबरी में हुई थी, जहां कांग्रेस नेता रोकिबुल हुसैन ने 10, 25,000 वोटों से जीत हासिल की थी और धुबरी को ‘मिनी बांग्लादेश’ कहा जाता है.
विपक्ष को किस बात पर आपत्ति
विपक्षी सदस्यों ने उनकी टिप्पणियों पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि धुबरी के जनप्रतिनिधि इस सदन के सदस्य नहीं हैं. इसलिए उन पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की जा सकती है. इस पर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं है. इस पर चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने अपना फैसला सुनाया है कि राज्य परिषद सदन के सदस्य सहित किसी भी व्यक्ति के आचरण पर चर्चा कर सकती है. वे इस पर गौर करेंगे.
जब शाह बचाव में उतरे
इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह को मैदान में उतरना पड़ा. शाह ने कहा, मैं सदस्य के भाषण को ध्यान से सुन रहा हूं. उन्होंने किसी अन्य सदन के सदस्य के बारे में कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की है, उन्होंने केवल जीत के अंतर के बारे में बताया है. इस पर जगदीप धनखड़ ने कहा, नियम स्पष्ट हैं, और वे पिछले आदेश का हवाला देते हैं जब सदन के पूर्व नेता पीयूष गोयल ने लोकसभा के एक सदस्य के बारे में बात की थी, जिन्होंने विदेश में भारत के बारे में कुछ टिप्पणी की थी.

