बिहार अर्बन सिम्पोजियम 2025 का आयोजन 11 सितंबर, 2025 को चंद्रगुप्तप्रबंधन संस्थान, पटना (CIMP) में RERA बिहार और यूनिसेफ के सहयोग से किया गया, जिसमें नीति निर्माताओं, प्रशासकों और विचारकों ने आने वाले वर्षों में बिहार के शहरों की दशा और उनके विकास की दिशा पर विचार-विमर्श किया। सत्र की शुरुआत CIMP के निदेशक प्रो. (डॉ.) राणा सिंह के स्वागत भाषणसे हुई, जिन्होंने समावेशी और सतत शहरी विकास पर संवाद को बढ़ावा देने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के माननीय राज्यमंत्री, श्री तोखन साहू ने बिहार के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का बखान किया और मिथिला चित्रकला को परंपरा और गौरव का प्रतीक बताया। उन्होंने विरासत और आधुनिक प्रगति के बीच संतुलन बनाते हुए, शिक्षा, संस्कृति और आत्मनिर्भरता के केंद्र के रूप में उभरने कीबिहार की क्षमता पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने शिक्षा, बुनियादी ढाँचे और सतत शहरी नियोजन में राज्य की प्रगति पर ज़ोर दिया और हरित, अधिक लचीले शहरों के अपने दृष्टिकोण को साझा किया। उद्घाटन सत्र के बाद, श्री तोखन साहू, माननीय राज्य मंत्री, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान पटना के छात्रों से पालिसी को लेकर संवाद किया और उन्हें नीति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की।

मुख्य भाषण देते हुए, श्री डी. एस. मिश्रा, आईएएस, पूर्व सचिव, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार और पूर्व मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश ने तीव्र शहरीकरण की चुनौतियों का सामना करने के लिए नवीन वित्तपोषण तंत्र, सार्वजनिक-निजी भागीदारी और हरित वित्तपोषण को महत्वपूर्ण साधन बताया।
श्री जिबेश कुमार, माननीय मंत्री, शहरी विकास एवं आवास विभाग, बिहारसरकार ने स्वच्छ बिहार मिशन के तहत प्रमुख पहलों की रूपरेखा प्रस्तुत की।उन्होंने प्लास्टिक कचरे से बिजली बनाने, महिलाओं के लिए ‘पिंक टॉयलेट’ स्थापित करने और शहरी गतिशीलता एवं जन सुविधा में सुधार के लिएप्रायोरिटी कॉरिडोर पर काम शुरू करने की योजनाओं की घोषणा की।
परिचर्चा में बिहार के विकास आयुक्त, आईएएस, डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया की रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में सुधर के साथ उनके क्रियान्वयन से शहरों की स्थिति में आमूलचूल सुधर लाया जा सकता है।उन्होंने कहा की पटना मेट्रो परियोजना जो की इस महीने के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है—जो शहरी परिवहन के आधुनिकीकरण और भीड़भाड़ को कम करने की दिशा मेंएक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने श्री जीवन की गुणवत्ता को बढ़ने वाले प्रयसों पर काम करने की आवश्यकता बताई। इसमें RERA बिहार के जाँच आयुक्त श्री संजय कुमार सिंह ने शहरों में घर खरीदारों का विश्वास बढ़ाने और व्यवस्थित शहरी विकास सुनिश्चित करने के लिए रियल एस्टेट विनियमन में जवाबदेही और पारदर्शिता के महत्व पर ज़ोर दिया। जनाग्रह के मुख्य नीति अधिकारी श्री आनंद अय्यर ने शहरी विकास के लिए नागरिक सहभागिता और शासन सुधारों पर ज़ोर दिया और कहा कि शहरों का सतत विकास केवल सक्रिय जनभागीदारी से हो सकता है।
सिम्पोजियम के प्रथम सत्र में शहरों के आसपास सैटेलाइट सिटी बनाने पर विस्तृत चर्च हुई , जिसमे देश के बड़े वास्तुविद कवि जैन ने शहरी ढांचों के विकास में गुणवत्ता और सुंदरता के साथ अच्छे जीवन की परिकल्पना पर जोर दिया। द्वितीय सत्र में शहरी विकास के लिए भविष्य के आवश्यकताओं में निवेश पर चर्चा में रेरा बिहार के अध्यक्ष श्री विवेक कुमार सिंह और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रोफेसर अलख नारायण शर्मा ने शहरी विकास के लिए पूँजी की आवश्यकता और सस्टेनेबल शहर के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निवेश पर विस्तृत चर्चा की। तृतीय सत्र में शहरी आपदा से बचाओ के साथ उत्तम जीवन की परिकल्पना पर चर्चा में डॉ उदय कांत मिश्रा, उपाध्यक्ष बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अध्यक्षीय भाषण में शहरों में आपदा से बचाव के साथ उसकी पूर्व तयारी की आवश्यकता पर बल दिया। इसमें इस्टीटूटे ऑफ़ टाउन प्लानर के निदेशक आकाश झा शहरी विकास में प्लानिंग की भूमिका पर बल दिया।

इस सिम्पोजियम में स्थिरता, समावेशिता, नवाचार और सांस्कृतिक गौरव परआधारित एक सामूहिक दृष्टिकोण के साथ बिहार के शहरी भविष्य को आकार देने पर विचार-विमर्श किया गया और आने वाले समय में इस पर और विस्तार से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, पटना के प्रोफेसर, प्रो. (डॉ.) सुनील कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। अपने संबोधन में उन्होंने सम्मानित अतिथियों और अन्य प्रतिभागियों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। इस सत्र के दौरान संकाय सदस्य, छात्र, कर्मचारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।