हिमाचल प्रदेश में मंत्रियों, विधायकों और पूर्व विधायकों के यात्रा भत्ता बढ़ाने को लेकर तीनों बिल आज मंजूर हो गए हैं । सदस्यों के भत्ते और पेंशन संशोधन विधेयक, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष वेतन संशोधन विधेयक और मंत्रियों के वेतन और भत्ता संशोधन विधेयक सदन में मंजूर किया गया । सदन में सिर्फ माकपा से संबंधित ठियोग के एकमात्र विधायक राकेश सिंघा ने इस पर विरोध जताया । सरकार ने तीन साल पहले 2016 में उनका यात्रा भत्ता बढ़ाकर ढाई लाख रुपये किया था । शनिवार को यात्रा भत्ता विधेयक विधानसभा से पारित होने के बाद कोई भी विधायक चार लाख और पूर्व विधायक दो लाख रुपये खर्च करने का हकदार हो जाएगा । इस व्यवस्था से राजकोष पर वार्षिक 2.20 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा । सरकार ने यात्रा भत्ता बढ़ाने के पीछे हवाई, रेल, टैक्सी सेवाओं की दरों में बढ़ोतरी का तर्क दिया है । विधानसभा सदस्य को किसी भी यात्रा पर जाने के लिए यदि जरूरत हो तो वह अधिकतम 25 हजार रुपये अग्रिम राशि भी ले सकते हैं । यात्रा के बाद उनको टिकट समेत यात्रा का सारा ब्योरा जमा कराना होगा ।
टैक्सी से यात्रा पर व्यय 4 लाख की अधिकतम राशि से 10 फीसदी से अधिक नहीं होगी, जबकि रेल और हवाई सफर का पूरा खर्च मिलेगा । मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पति या पत्नी के अलावा उनके अविवाहित पुत्र, पुत्रियां, दत्तक पुत्र व दत्तक पुत्रियां इसके पात्र होंगे । विधानसभा के मानसून सत्र का आज अंतिम दिन था ।