लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद अब भाजपा की नजर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव पर है। पार्टी अपनी छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को डूसू चुनाव में बड़ी जीत दिलाकर विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतरना चाहती है। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। इस समय डूसू के चार में से अध्यक्ष सहित तीन पदों पर भाजपा का कब्जा है। इस बार चारों सीटें जीतकर विधानसभा चुनाव में विरोधी पार्टियों पर मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल करने की रणनीति बनाई जा रही है। मंडल से लेकर प्रदेश स्तर के नेता इस लक्ष्य को हासिल करने में अपनी भूमिका निभाएंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में देश के कई राज्यों से छात्र पढ़ते हैं, ऐसे में भाजपा उन सभी तक पहुंच बनाते हुए चारों सीटें जीतकर देश को यह संदेश देना चाहती है कि युवा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं व उनके द्वारा लिए गए फैसलों के साथ हैं।
डूसू चुनाव को लेकर पिछले दिनों भाजपा व एबीवीपी के प्रतिनिधियों की बैठक भी हुई जिसमें प्रदेश भाजपा संगठन महामंत्री सिद्धार्थन सहित अन्य भाजपा नेता शामिल थे। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष अभय वर्मा को डूसू चुनाव संयोजन कमेटी का प्रमुख बनाया गया है। लोकसभा चुनाव में उन्हें पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया था जहां से पार्टी रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की थी। अब इन्हें डीयू में एबीवीपी को बड़ी जीत दिलाने की जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर को सह प्रमुख और जय प्रकाश को कैंपस प्रभारी बनाया गया है। इसी तरह से नौ विभाग प्रमुख भी बनाए गए हैं। लिहाजा चुनाव प्रचार में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी और डीयू की छात्र राजनीति से भाजपा में आए नेताओं को एबीवीपी को जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 12 सितंबर को डूसू चुनाव होगा।
सभी मंडल इकाई को अपने यहां रहने वाले डीयू के छात्रों की सूची तैयार करने को कहा गया है। चार सितंबर तक प्रत्येक मंडल को कम से कम एक सौ छात्रों की सूची सौंपने को कहा गया है जिसमें छात्रों का नाम-पता, कॉलेज, कक्षा के साथ ही उनका संपर्क नंबर भी दर्ज होगा। इन छात्रों के बीच जनसंपर्क अभियान चलाने के साथ ही उनसे टेलीफोन के जरिये भी संपर्क स्थापित किया जाएगा जिसके लिए प्रत्येक जिले में कॉल सेंटर बनाया जाएगा। भाजपा नेताओं का कहना है कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने का लाभ डूसू चुनाव में भी पार्टी को मिलेगा। इस चुनाव में एबीवीपी को बड़ी जीत मिलती है तो भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा और भाजपा के पक्ष में माहौल बनेगा जिससे विधानसभा चुनाव प्रचार की तैयारियों में मदद मिलेगी।