अनिल अग्रवाल – वेदांता समूह(Vedanta) के अध्यक्ष और बिहार के मूल निवासी 66 वर्षीय अनिल अग्रवाल ने पीएम केयर में 100 करोड का योगदान दिया है।अनिल अग्रवाल को दानवीर माना जाता है।फोब्र्स मैग्जीन की सूची के अनुसार अनिल देश के 38वे अमीर और विश्व के 648वें अमीर उधोगपति है।आईए जानते है अनिल अग्रवाल के बारे में :
बिजनेस टायकून की लिस्ट में शामिल वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। अनिल बिहार से हैं। कबाड़ के धंधे से छोटा व्यापार शुरू करके माइंस और मेटल के सबसे बड़े कारोबारी बनने तक के सफर में उन्हाने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। आज ये 3.1 Billian Doller से ज्यादा के मालिक हैं। उनकी कंपनियां भारत में जस्ते, तांबे व एल्युमिनियम की सबसे बड़ी उत्पादक हैं।
वेदांता रिसोर्सेज के मालिक अनिल अग्रवाल ने लंदन स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी की लिस्टिंग के 10 साल होने पर करीब 5 साल पहले अपनी 75 फीसदी संपत्ति को दान की घोषणा की थी।इस दान के पीछे उनकी व्यक्तिगत सोच के बारे में कई मौकों पर कह चुके हैं कि पैसा ही सब कुछ नहीं है, जो कमाया उसे समाज को लौटाना चाहता हूं।दुनिया की सबसे अमीर बिल गेट्स(Bill Gates) से मिलने के बाद दान उनके दान के विचार को बल मिला।
15 साल की उम्र में छोड़ दिया था स्कूल
पटना(Patna) में जन्मे और पले-बढ़े अनिल ने मिलर हायर सेकंडरी स्कूल से पढ़ाई की, लेकिन महज 15 साल की उम्र में अपने पिता के बिजनेस के लिए स्कूल छोड़ दिया और पहले पुणे और फिर मुंबई आ गए थे।
उन्होंने अपना कॅरिअर स्क्रैप डीलर के तौर पर शुरू किया और आज देश के टॉप बिजनेसमैन की लिस्ट में शुमार हैं।वे धातु और तेल एवं गैस के कारोबार से जुड़े हैं। अनिल ने 1970 में स्क्रैप मेटल का काम शुरू किया। 1976 में शैमशर स्टेर्लिंग कार्पोरेशन को खरीदा।2003 में शुरू हुई अनिल की वेदांता रिसोर्सेस लंदन स्टॉक एक्सचेंज में दर्ज होने वाली पहली भारतीय कंपनी थी।
भाई भी साथ में देखते हैं कारोबार
वेदांता ग्रुप काफी बड़ा है। वर्तमान में अनिल अग्रवाल के साथ-साथ उनके दो भाई नवीन व प्रवीण और बेटा अग्निवेश और बेटी प्रिया अग्रवाल देखते हैं।अग्निवेश इन दिनों दुबई में रहते हैं। वह हिन्दुस्तान जिंक के बोर्ड में भी शामिल हैं। उनका दुबई में अपना मेटल का भी खासा कारोबार है।बेटी प्रिया केयर्न बोर्ड में हैं। उन्होंने हेब्बार नाम के बैंकर से विवाह किया।
सेवानिवृत्त होने के बाद करेंगे चैरिटी का काम
अनिल का कहना रहा है कि अग्रवाल समूह की सभी कंपनियों से रिटायर होने के बाद वे भारत में चैरिटी का काम करेंगे। उन्होंने अपनी संपत्ति दान में देने का निर्णय भी लिया है।उन्होंने दुनिया के सबसे धनी बिजनेसमेन बिल गेट्स के साथ मुलाकात के बाद यह निर्णय लिया था, क्योंकि बिल गेट्स भी अपनी संपत्ति को दान करने की घोषणा से सुर्खिया में रहे थे।अनिल ने अपने बिजनेस को मेहनत के दम पर बुलंदियों तक पहुंचाया और फिर दान करने का साहसभरा निर्णय लिया।
अब तक मिल चुके ये सम्मान
द एशियन अवार्ड एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर-2016
द इकोनॉमिक्स टाइम्स बिजनेस लीडर अवॉर्ड-2012
माइनिंग जर्नल लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड-2009
यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ दि ईयर -2008