भाजपा जिलाध्यक्ष समेत पार्टी के नेताओं ने सोमवार को एक गेस्ट हाउस में पहुंच कर बडी तादात में यूनीफार्म का स्टॉक पकड लिया। आरोप लगाया गया कि सरकार की मंशा को दरकिनार कर कुछ ठेकेदार जिले के अफसरों के संरक्षण में यूनीफार्म घोटाला कर रहे हैं। नियमों को ताक पर रखकर रददी कपडे से यूनीफार्म तैयार कराई गई और हसेरन के स्वयं सहायता समूह के नाम के स्टीकर यूनीफार्मों में फर्जी तरीके से लगा कर योजना को चूना लगाने का काम किया जा रहा है। मामले की सूचना पाकर पहुचे एसडीएम सदर व सीओ सिटी ने स्टॉक को गेस्ट हाउस के कमरों में सील करवा कर जांच कराने और दोषियों पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
प्राथमिक विद्यालयों में पढने वाले छात्र-छात्राओं को मुफ्त यूनीफार्म वितरित करने की सरकार की योजनाओं पर जिले के शिक्षा विभाग के अफसर और ठेकेदार पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सोमवार को तब सामने आया, जब जिला कार्यालय पर बैठक लेने पहुंचे भाजपा जिलाध्यक्ष नरेन्द्र राजपूत व अन्य पदाधिकारियों को जानकारी मिली कि पाल चैराहे से कुछ ही दूरी पर स्थित एक गेस्ट हाउस में यूनीफार्म का बहुत बडा स्टॉक जमा है। जिसे शिक्षा विभाग के अफसरों की मिली भगत से किसी ठेकेदार ने स्कूलों में वितरण कराने के लिए रखा है। मामले की जानकारी मिलते ही करीब एक दर्जन से अधिक भाजपाई मौके पर पहुंच गए और गेस्ट हाउस में घुसते ही कमरों से लेकर टीन शेड के नीचे तक बोरियों में पैक की हुई बडी मात्रा में यूनीफार्म रखीं मिल गईं। इतना ही नहीं बल्कि यूनीफार्म के साथ ही एनआरएलएम और स्वयं सहायता समूह के स्टीकर के अलावा, कपडों के बंडल, बटन, सिलाई वाले धागों की रीलें, बकरम आदि बडी मात्रा में रखे मिले। यूनीफार्म को रख कर बंडलों में अलग-अलग स्कूलों के नाम भी दर्ज किए गए थे। बताया गया कि उन्हीं स्कूलों में यूनीफार्मों का वितरण किया जाना था। जिस धागे से यूनीफार्म सिले गए थे, वह छूने भर से ही खुल जा रहे थे। कपडा भी बिल्कुल रददी क्वालिटी का बताया गया। इस मामले की सूचना मिलते ही तहसीलदार सदर दिलीप कुमार और बीएसए केके ओझा मौके पर पहुंच गए।
आरोप है कि फर्जी तरीके से तैयार कराई गई यूनीफार्म मामले में बीएसए की संलिप्तता भी पाई गई। जिस कारण भाजपाइयों ने किसी उच्चाधिकारी के मौके पर आने और कार्रवाई करने के बाद ही वहां से हटने की चेतावनी दी। जिसके बाद एसडीएम सदर गौरव शुक्ला और सीओ सिटी शिवप्रताप सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने सारा माल कमरों में भरवा कर सील करने के निर्देश दिए तथा जांच कर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश भी दिए।
यूनीफार्म मामले में पूर्व जिला पंचायत सदस्य के भतीजे का नाम उछला
यूनीफार्म का बडा स्टॉक बरामद होने के मामले में एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य के भतीजे का नाम सामने आ रहा है। बताया गया कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य भाजपा के समर्थन से ही चुनाव लडे थे और उन्होंने उस वक्त जीत हासिल की थी। बातचीत के दौरान गेस्ट हाउस में अफसरों को बताया गया कि गेस्ट हाउस संचालक और यूनीफार्म ठेकेदार के बीच बेहतर तालमेल हैं। माना जा रहा है कि यूनीफार्म को उसी ने गेस्ट हाउस में रखवाया है। जबकि गेस्ट हाउस संचालक का कहना है कि उनसे तो कमरे किराए पर लिए गए थे। हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि यूनीफार्म रखने के लिए किसने कमरे किराए पर लिए तो वह नाम बताने से मुकर गए। हालांकि जांच में स्थितियां खुद-ब खुद स्पष्ट हो जाएंगी।
क्या है योजना की हकीकत-
शासन की मंशानुरूप गांव-गांव चलने वाली समूह की महिलाओं को रोजगार देने के उददेश्य से उन महिलाओं के हाथों यूनीफार्म की सिलाई करवा कर उन्हीं के क्षेत्र के विद्यालयों में वितरण कराया जाना था। लेकिन माफियाओं ने इस योजना को पलीता लगाते हुए न सिर्फ रददी क्वालिटी के कपडे की यूनीफार्म तैयार कराईं, बल्कि महिलाओं की वजाए ठेके पर टेलरों से यूनीफार्म को सिलाया। यही वजह है कि इतनी बडी तादात में स्टॉक मिलते ही बीएसए समेत शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यशैली पर भी सवाल खडे हो गए।
क्या बोले भाजपा जिलाध्यक्ष-
शासन की मंशा को भ्रष्ट अफसर निजी स्वार्थ के चलते फलीभूत नहीं होने दे रहे हैं। जो काम समूह की महिलाओं के माध्यम से कराया जाना चाहिए था, वो काम ठेकेदार और अफसर निजी स्वार्थों के चलते ठेके पर करा रहे हैं। यही अफसर और कर्मचारी सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। मामले को पार्टी के बडे नेताओं तक पहुंचा कर भ्रष्ट अधिकारियों व ठेकेदारों पर कार्रवाई कराने का काम किया जाएगा।