पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। राज्य में आठ चरणों में चुनाव कराया जाएगा। चुनावी एलान के साथ ही अब राज्य में सीट बंटवारे को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। बता दें कि लेफ्ट और कांग्रेस के बीच अभी भी सीट शेयरिंग का मामला फंसा हुआ है। वहीं तृणमूल के कैंडिडेट सेलेक्शन में नई प्रक्रिया से बगावत की सबसे ज्यादा उम्मीद जताई जा रही है।
चुनाव की घोषणा के बाद अब राजनीतिक गलियारों में सीट शेयरिंग पर माथापच्ची शुरू हो जाएगी। बंगाल में BJP और तृणमूल कांग्रेस के अलावा लेफ्ट और कांग्रेस का गठबंधन भी चुनावी मैदान में है। एक ओर जहां TMC और BJP को अपने ही नेताओं का द्वंद झेलना पड़ेगा, वहीं लेफ्ट और कांग्रेस के लिए भी सीट का मुद्दा सुलझाना आसान नहीं है।
पश्चिम बंगाल में चुनावी एलान के बाद अब यूपी और बिहार की राजनीतिक पार्टी सपा एवं RJD भी अपने कैंडिडेट का नाम एलान कर सकती है। बताया जा रहा है कि दोनों दल अगर चुनावी मैदान में कैंडिडेट उतारती है तो इसका सीधा असर TMC पर पड़ेगा। हालांकि RJD लेफ्ट और कांग्रेस के साथ गठबंधन में जाने पर विचार कर रही है।
पश्चिम बंगाल में मार्च से मई के बीच 8 चरणों में मतदान कराये जायेंगे। 2 मई को सभी 294 विधानसभा सीटों के परिणाम घोषित किये जायेंगे। भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने आज (26 फरवरी को) यह घोषणा की। इसके साथ ही राज्य में आचार संहिता लागू हो गयी है। अब किसी भी नयी सरकारी योजना की घोषणा सरकार नहीं कर पायेगी। वहीं आयोग ने बताया कि इस बार इलेक्शन की टाइम में बढ़ोतरी की गई है।