थायरॉयड और वजन के बीच क्या है कनेक्शन?

आपने कई बार ये बात नोटिस की होगी कि स्वस्थ और संतुलित भोजन करने और रोजाना व्यायाम करने के बावजूद अचानक से आपका वजन तेजी से बढ़ने लगता है। खासकर अगर आप महिला हैं तो इस तरह के मामले में आपको अपने शरीर में Thyroid के लेवल को चेक करवाना चाहिए। क्योंकि अगर शरीर में Thyroid का लेवल कम हो जाए अचानक से वजन बढ़ने लगता है। हर साल 25 मई को वर्ल्ड थायरॉयड डे मनाया जाता है। दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग Thyroid बीमारी से पीड़ित हैं। डॉक्टरों की मानें तो हर 10 में से 1 महिला को हाइपोथायरॉयडिज्म यानी Thyroid हार्मोन की कमी की समस्या है।

सबसे पहले आखिर Thyroid है क्या इसकी बात करते हैं। शरीर में मौजूद Thyroid ग्रंथि, तितली के आकार की ग्रंथि है जो हमारे गले में कंठ के ठीक नीचे स्थित होती है। यह ग्रंथि शरीर में दो तरह के हार्मोन का निर्माण करती है- टी3 (थाइरॉक्सिन) और टी4 (ट्रायोडोथाइरोनिन) और टीएसएच यानी Thyroid स्टिमुलेटिंग हार्मोन मेंनटेन करके रखता है।

Thyroid ग्रंथि शरीर के कई तरह के कार्यों को नियमित बनाए रखने में मदद करती है। लिहाजा अगर शरीर के इस अंगों में किसी तरह की गड़बड़ी हो जाए तो शरीर का सिस्टम सामान्य रूप से कार्य नहीं कर पाता। Thyroid बीमारी आमतौर पर 2 तरह से होती है- हाइपोथायरॉयडिज्म जहां Thyroid हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है और हाइपरथायरॉयडिज्म जहां Thyroid हार्मोन का अत्यधिक उत्पादन होने लगता है। रिपोर्ट्स की मानें तो वैसे लोग जो हाइपोथायरॉयडिज्म बीमारी से पीड़ित होते हैं, उनमें अचानक वजन बढ़ने की समस्या दिखने लगती है।

Thyroid हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। शरीर के मेटाबॉलिज्म को मेटाबॉलिक रेट के तौर पर काउंट किया जाता है। यह वह दर है, जिसमें आपका शरीर कितनी ऊर्जा खर्च करता है या कितनी कैलोरी बर्न करता है। आराम करते वक्त भी हमारा शरीर कैलोरीज बर्न करता है, क्योंकि आराम करते वक्त भी शरीर के फंक्शन को जारी रखने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। इसे बेसल मेटाबॉलिक रेट (BMR) कहते हैं।

इस बारे में अब तक हो चुके अध्ययनों की मानें तो जब भी शरीर में Thyroid हार्मोन का लेवल कम होने लगता है शरीर में बीएमआर कम हो जाता है और जब Thyroid हार्मोन का लेवल बढ़ता है तो बीएमआर अधिक हो जाता है। जब भी शरीर में बीएमआर अधिक हो जाता है तो यह शरीर की जमा करके रखी हुई कैलोरीज का, सेवन की गई कैलोरीज की तुलना में ज्यादा तेजी से इस्तेमाल करने लगता है, जिस कारण व्यक्ति की चर्बी समाप्त होने लगती है और वह एकदम दुबला-पतला हो जाता है।

हाइपोथायरॉयडिज्म के कारण बढ़ता है वजन
हाइपोथायरॉयडिज्म के मामले में शरीर में सामान्य मात्रा में Thyroid हार्मोन की कमी होने लगती है। यह हार्मोन शरीर की विभिन्न क्रियाओं को करने के लिए बेहद जरूरी माना जाता है। साथ ही जब बीएमआर कम होने लगता है तो शरीर में कैलोरीज के बर्न होने की क्रिया भी धीमी हो जाती है, जिससे व्यक्ति का वजन तेजी से बढ़ने लगता है।

साथ ही कई रिपोर्ट्स में यह बात भी सामने आयी है कि हाइपोथायरॉयडिज्म के मरीजों में अतिरिक्त वजन बढ़ने की समस्या इसलिए भी होती है, क्योंकि शरीर में नमक और पानी का अतिरिक्त संग्रहण होने लगता है। हाइपोथायरॉयडिज्म से पीड़ित मरीज में कई और लक्षण भी नजर आते हैं। जैसे- हद से ज्यादा ठंड लगना, जोड़ों में लगातार दर्द रहना, आलस और सुस्ती महसूस होना आदि। हालांकि, वजन अचानक से जरूर बढ़ने लगता है लेकिन बहुत ज्यादा नहीं बढ़ता।

हाइपोथायरॉयडिज्म के इलाज से वजन घटाने में मिलेगी मदद
रिपोर्ट्स में यह बात भी सामने आयी है कि हाइपोथायरॉयडिज्म से पीड़ित मरीज जब एक बार अपनी Thyroid की दवाइयां लेना शुरू कर देता है और डॉक्टर द्वारा बताए गए डाइट और एक्सरसाइज के रूटीन को फॉलो करने लगता है तो कम समय के अंदर ही वह व्यक्ति अपने पहले वाले शेप में वापस आ जाता है। अगर दवाइयों का सेवन करने के बाद भी वजन लगातार बढ़ता रहे तो इसका मतलब है कि वजन बढ़ने का कारण सिर्फ Thyroid बीमारी नहीं बल्कि कुछ और भी है।

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