कुलभूषण जाधव ने रिव्यू पिटीशन से किया इनकार, ‘जाधव को किया गया मजबूर’- विदेश मंत्रालय

साल 2016 से पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है। बता दें कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान के अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल अहमद इरफान ने दावा किया है कि बीते 17 जून, 2020 को जाधव को उनकी सजा और सजा पर पुनर्विचार के लिए एक याचिका दायर करने के लिए आमंत्रित किया गया था। लेकिन कुलभूषण जाधव ने पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान की ओर से ये दावा भी किया है कि कुलभूषण जाधव ने अपनी लंबित दया याचिका के साथ अपनी आगे की कार्रवाई जारी रखने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर भारत ने पाकिस्तान के दावे को नकारते हुए कहा कि पाकिस्तान का दावा है कि जाधव ने रिव्यू पिटीशन लगाने से इनकार कर दिया है, ये पिछले चार सालों से चल रहे फरेब का एक सिलसिला है। जाधव को मजाकिया ट्रायल के जरिए फांसी की सजा सुनाई गई है। वो पाकिस्तान की सेना के कब्जे में हैं। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय की ओर से आगे कहा गया कि कुलभूषण मामले में रिव्यू फाइल करने से इनकार करने के लिए उन्हें स्पष्ट रूप से मजबूर किया गया है। भारत ने जाधव तक बेरोक-टोक पहुंच होने की मांग की है ताकि उनके पास मौजूद विकल्पों पर चर्चा की जा सके।

आपको बता दें कुलभूषण सुधीर जाधव को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। भारत की ओर से कुलभूषण सुधीर जाधव के मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले पर विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे बार-बार अनुरोधों के बावजूद, पाकिस्तान भारत को जाधव तक स्वतंत्र और अबाधित पहुंच से वंचित रखता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1