यौन समस्याओं में इस्तेमाल होने वाली दवा वियाग्रा आपको जानलेवा बीमारी से भी बचा सकती है। ये बात एक शोध में सामने आई है। इस शोध के अनुसार दवा वियाग्रा की प्रतिदिन मामूली खुराक लेने से कोलोरेक्टल कैंसर का जोखिम कम किया जा सकता है। पुरुषों में होने वाली इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या में इस्तेमाल होने वाले वियाग्रा नाम की दवाई के बारे में आपने जरूर सुना होगा। लेकिन आपको यह सुनकर हैरानी होगी कि इस दवाई से अब ब्लड कैंसर जैसी बीमारी ठीक हो सकती है।
वियाग्रा दवाई का बनाने का मकसद इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या को ठीक करना नहीं था। इस दवाई को इस लिए तैयार किया गया था कि यह पल्मोनरी आरट्रियल हाइपरटेंशन के लक्षणों का इलाज कर सके। पल्मोनरी आरट्रियल हाइपरटेंशन एक तरह की हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी है जो दिल और फेफड़ों के बीच होती है।
चूहों पर वायग्रा के इफेक्ट्स पर स्टडी कर रहे अनुसंधानकर्ताओं ने खोज की है कि अगर चूहों के पीने के पानी में वायग्रा की छोटी सी डोज को रोजाना शामिल किया जाए तो उनमें कोलोरेक्टल कैंसर होने के खतरे को कई गुना कम किया जा सकता है। हालांकि अब तक यह रिसर्च सिर्फ जानवरों पर हुई है लेकिन जल्द ही मरीजों पर भी इसका क्लिनिकल ट्रायल किया जाएगा और वैसे मरीजे जिन्हें कोलोरेक्टल कैंसर होने का खतरा अधिक है, जिनकी फैमिली हिस्ट्री में यह बीमारी है, वैसे लोगों को प्रायॉरिटी दी जाएगी।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया, सैंटा क्रूज की एक रिसर्च टीम के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या सुलझाने में मदद करने वाली दवा वायग्रा, ब्लड स्ट्रीम के बोन मैरो में स्टेम सेल्स को रिलीज करने में मदद करती है जिससे कलेक्शन आसान हो जाता है। स्टेम सेल रिपोर्ट नाम के जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में बताया गया है कि सैनोफी के स्टेम सेल मोबिलाइजर मोजोबिल को वायग्रा के साथ पेयर करके दिया जाए तो यह बेहतर काम करता है। हालांकि अभी तक यह रिसर्च सिर्फ चूहों पर हुई है। लेकिन इसे जल्द ही इंसानों पर भी किए जाने की बात कही जा रही है।