डिप्रेशन की समस्या को करें घरेलू उपाय से दूर

इस भागदौड़ भरी जिंदगी में तरह-तरह के तनाव से हर दूसरा व्यक्ति घिरा रहता है। इन सभी के चलते इंसान का मानसिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ रहना मुश्किल हो जाता है। कभी पढ़ाई का प्रेशर, कभी काम का दबाव तो कभी प्यार या रिश्ते में धोखा मिलना, ऐसे में व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। इस लिए मानसिक सेहत को दुरुस्‍त रखने के लिए दिमागी उत्‍तेजना को शांत रखना जरूरी है। इसके लिए पोषक आहार बेहद जरूरी है।

इस बीमारी को रोकने में ये सुपरफूड आपकी मदद कर सकते हैं। इन्हें नियमित रूप से लेने से न सिर्फ डिप्रेशन को दूर रखने में मदद मिलती है, बल्‍कि यह एंटी डिप्रेसेंट गोलियों के रूप में लिए जाने वाले सेरोटोनिन हॉर्मोन को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों के लिए कुछ असरदार घरेलू उपाय भी हैं।

ओटमील
ओटमील में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है, जिससे हमारा शरीर सेरोटिन प्रॉड्यूस करता है। सेरोटिन मूड अच्छा करने का काम करता है और मन को शांति और आराम का एहसास करवाता है।


हल्दी और नींबू
तनाव और डिप्रेशन से उबरने के लिए हल्दी और नींबू आपके लिए बेहद मददगार साबित होंगे। एक रिसर्च के अनुसार हल्दी अल्जाइमर और कैंसर की तरह ही डिप्रेशन के इलाज के लिए भी बेहद असरदार है। यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी तत्व, एंटी बायोटिक और एंटीडिप्रेसेंट तत्वों से भरपूर है, जिसका फायदा डिप्रेशन में भी मिलता है।

फल
फलों में भी काफी सारे पोषक तत्‍व होते हैं। खासतौर से सेब में फाइबर होने के साथ ही यह आयरन और एंटीऑक्‍सीडेंट से भी भरपूर होता है। डायबिटीज के मरीज रोज एक सेब आराम से खा सकते हैं क्‍योंकि इसका जीआई काफी कम होता है। इसके अलावा सामान्य लोग दूसरे फल भी आराम से खा सकते हैं क्‍योंकि ज्यादातर फलों में विटामिन, मिनरल के अलावा प्राकृति मिठास होती है, जो सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाती है।


अखरोट
इसकी बनावट भी दिमाग की तरह लगती है। हमारा दिमाग 80 फीसदी फैट से बना है, इसलिए यह बच्चों और बड़ों के सुबह के नाश्‍ते को पूरा करने की सबसे अहम चीज है। यह मूड सुधारता है और इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड दिमाग के कामकाज में मदद करते हैं। साथ ही यह डिप्रेशन के लक्षणों को भी रोकता है।

प्‍याज
प्‍याज में इतने गुण होते हैं कि इसे कई बार बीमार का मददगार भी कहा जाता है। यह सलाद और सब्‍जी में खाया जाता है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्‍सीडेंट क्षतिग्रस्‍त कोशिकाओं की मरम्‍मत करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही यह कैंसर की रोकथाम में और आपका मूड अच्छा बनाए रखने में अहम रोल निभाता है।


चॉकलेट्स
चॉकलेट हर कोई पसंद नहीं करता लेकिन यह स्ट्रेस दूर करने में मदद करती है। इसमें पाया जाने वाला फिनाइलेथाइलामाइन तत्व दिमाग को आराम देता है। इसमें हाई फ्लेवेनॉल कंटेंट होने के कारण यह सौंदर्य बढ़ाता है और त्वचा को हाइड्रेट भी रखता है, लेकिन सीमित मात्रा में खाना ही फायदेमंद है।

लैवेंडर एसेंशियल ऑयल
फूड्स के साथ-साथ कई नैचुरल एसेंशियल ऑयल्स भी डिप्रेशन से लड़ने में आपकी मदद करते हैं। लैवेंडर के तेल में ऐसे गुण पाए गए हैं, जो तनाव को कम करते हैं। अगर आप ऑफिस से आने के बाद या परीक्षा से पहले बहुत अधिक तनाव महसूस कर रहे हैं, तो आप 7-8 बूंद लैवेंडर एसेंशियल ऑयल लेकर अपने माथे पर इसकी मालिश कर सकते हैं। इसकी खुश्बू से आपको काफी जल्दी आराम मिलता है। इसके अलावा लैवेंडर एसेंशियल ऑयल से आपको नींद अच्छी आती है।


केसर
रिसर्च बताती हैं कि केसर में कई तरह की मानसिक बीमारियों, डिसऑर्डर्स और रोगों को ठीक करने की क्षमता होती है। अपनी डाइट में केसर को शामिल करके आप डिप्रेशन और एंग्जायटी से बच सकते हैं। केसर थोड़ा मंहगा जरूर होता है, मगर यदि आपको डिप्रेशन की दवा खानी पड़े, तो इससे बेहतर है कि आप केसर को अपने फूड्स में मिलाकर खाएं।

जिंक वाले फूड्स
जिंक को मस्तिष्क के लिए बहुत जरूरी पोषक तत्व माना जाता है। जिंक वाले आहारों के सेवन से आपके डिप्रेशन और एंग्जायटी की समस्या काफी हद तक हल हो सकती है। एक रिसर्च बताती है कि खून में जिंक की कमी होने पर व्यक्ति में चिंता, तनाव और लंबे समय में डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आप अपने खानपान में जिंक को शामिल करें। जिंक वाले आहारों में पालक, एवोकाडो, मीट, अंडे, काबुली चना, बादाम, कद्दू के बीज आदि प्रमुख हैं।


हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां
पालक, मेथी, सलाद पत्‍ता सामान्य कोशिकाओं को विषाक्‍त या टॉक्‍सिक होने से बचाता है। इससे ब्रेन डैमेज और शरीर के अन्य हिस्‍सों में कैंसर और अन्य गंभीर बीमारी पनपने की आशंका कम होती है। साथ ही इनमें मौजूद विटामिन ए, सी, ई और के के अलावा आयोडीन, मैग्‍नीशियम भी होता है। यह फाइटोन्यूट्रिएंट से भी लैस होते हैं, जो रोजाना हमारे दिमाग की सुरक्षा करते हैं। इन सब्‍जियों में मौजूद प्रो और प्री बायोटिक्‍स पेट को भी दुरुस्‍त रखते हैं और दिमाग की समय-समय पर मम्‍मत भी करते रहते हैं।

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