पुरुषों में कुछ दिख रहे है ये लक्षण, तो हो सकता है स्ट्रोक का खतरा

स्ट्रोक को ब्रेन अटैक के नाम से भी जाना जाता है। दिमाग के उस हिस्से में सही तरह से खून की आपूर्ति का नहीं पहुंचना काफी खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है। दिमाग में जिस स्थान पर ऑक्सीजन और रक्त प्रवाह ठीक प्रकार से नहीं होता वहां दिमाग की कोशिकाओं को क्षति पहुंचने लगती है। स्ट्रोक का हमारी बॉडी पर गहरा प्रभाव पड़ता है। साइलेंट स्ट्रोक होने पर व्यक्ति के दिमाग और शरीर को नुकसान पहुंचता है। स्ट्रोक तब होता है जब व्यक्ति के मस्तिष्क के एक हिस्से में ब्लड सप्लाई और ऑक्सीजन ठीक प्रकार से नहीं पहुंचता है।


एक हल्के स्ट्रोक के बाद आपको हाथ या पैर की अस्थायी कमजोरी का अनुभव हो सकता है, लेकिन अधिक गंभीर स्ट्रोक वाले लोगों के शरीर का एक हिस्सा स्थायी रूप से लकवाग्रस्त हो सकता है या बोलने में परेशानी हो सकती है। वैसे इस परेशानियों से बचा जा सकता है लेकिन आपको इसके लिए सतर्क रहना होगा ।


स्ट्रोक पहचानने का आसान रास्ता STR। अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है तो उसके उठते ही सबसे पहले ये यह कार्य करने चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह स्ट्रोक तो नहीं।
पुरूषों में स्ट्रोक के लक्षणों के बारे में, जैसे संतुलन बनाने में परेशानी, पेशाब पर कंट्रोल न होना, आंखों से धुंधला नजर आना आदि। मरीज को शुरुआती 3 घंटों में इलाज मिल जाए तो स्ट्रोक के खतरे से बचा जा सकता है।

  • व्यक्ति के उठते ही उससे दोनों हाथ ऊपर उठाने के लिए कहना चाहिए।
  • जैसे ही कोई भी इंसान बेहोशी की हालत के बाद उठता है तो उससे अच्छे से बात करें और कुछ शब्द बोलने के लिए कहे।
  • बेहोशी के बाद उठे इंसान को सबसे पहले मुस्कराने के लिए कहना चाहिए।

अगर किसी इंसान को इन तीन कार्य को करने में परेशानी आ रही है तो ऐसी परिस्थिति में तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाकर डॉ. को दिखाना चाहिए। ऐसी परिस्थिति में कभी देरी या लापारवाही नहीं करनी चाहिए। अगर इंसान का फेस तिरछा हो रहा है तो समझ लीजिए कि यह भी स्ट्रोक का लक्षण है।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1