भारतीय शराब कारोबारी Vijay Mallya को ब्रिटेन हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। ब्रिटेन के HC ने Vijay Mallya की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ SC में अपील करने की अनुमति देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। सूत्रों के अनुसार माल्या के पास अब कोई कानूनी रास्ता नहीं बचा है और उसको 28 दिन में भारत को सौंपा जा सकता है। माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन्स के कर्ज से संबंधित धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में भारत प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ उसकी अपील HC में पिछले महीने ही खारिज हो गई थी।
64 वर्षीय Vijay Mallya के पास HC के फैसले के बाद से इससे भी ऊंची अदालत में जाने की अनुमति मांगने का ताजा आवेदन दाखिल करने के लिए 20 अप्रैल से लेकर 14 दिन का समय था। लंदन की रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस में लॉर्ड जस्टिस स्टीफन इरविन और जस्टिस एलिजाबेथ लाइंग की दो सदस्यीय पीठ ने फैसले में कहा कि अदालत ने SC में अपील के मद्देनजर आम सार्वजनिक महत्व के विधि के प्रश्न को प्रमाणित नहीं करने के अपने इरादे को प्रकट कर दिया है। अदालत ने ब्रिटेन के प्रत्यर्पण कानून 2003 की धारा 36 और धारा 118 के तहत 28 दिन की जरूरी अवधि तय की है जिसके भीतर प्रत्यर्पण प्रक्रिया होनी चाहिए। वहीं ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने प्रमाणित करने की अपील सभी तीनों आधारों को खारिज कर दिया है। जिनमें मौखिक दलीलों पर सुनवाई, तैयार किए गए सवालों पर प्रमाणपत्र देना और SC में अपील के लिए अनुमति देना शामिल हैं।
ईसीएचआर में अपील के बाद भी माल्या के लिए सफलता की बहुत कम गुंजाइश होगी क्योंकि उसे साबित करना होगा कि इन आधारों पर ब्रिटेन की अदालतों में उसकी दलीलें पहले खारिज हो चुकी हैं। इस लिहाज से पिछले महीने HC में माल्या की अपील खारिज होना और इस सप्ताह अपील दाखिल करने की अर्जी को एक बार फिर अस्वीकृत किया जाना शराब कारोबारी के खिलाफ मामले में CBI तथा ED के लिए निर्णायक बिंदु हैं। बता दें कि माल्या को एक प्रत्यर्पण वारंट पर अप्रैल 2017 में यहां गिरफ्तार किया गया था। तब से वह जमानत पर है। वह ब्रिटेन में फिलहाल जमानत पर है। जस्टिस इरविन और जस्टिस लाइंग ने पिछले महीने व्यवस्था दी थी। भारत सरकार ने माल्या को भगोड़ा घोषित कर रखा है। वह मार्च 2016 से ब्रिटेन में है।