तुलसी, नीम और करेला डायबिटीज के लिए रामबाण

आजकल ज्यादा तनाव और काम का भार हर इंसान को डायबिटीज का शिकार बना रहा है। इस बीमारी ने उम्र की बंदिशों को भी तोड़ दिया है। अब ये किसी भी उम्र में हो जाती है। इस बीमारी के कारण इंसान अपनी पसंद का जीवन नहीं जी पाता है और उसकी जिंदगी दवाओं के भरोसे गुजर जाती है। यह बीमारी तेजी से फैल रही है।

सुबह खाली पेट नीम की पत्ती खाने से शुगर नियंत्रिण में रहती है। ऐसा करने से कई और बीमारियों से भी मुक्ति मिल जाती है, शरीर में खुजली नहीं होती है और त्वचा ठीक रहती है। नीम के पत्ते शुगर की मात्रा को कम करने में मदद करते हैं। ग्रीन टी भी शुगर को रोकने में मददगार होती है। इसका भी सेवन अच्छा है। करेला को आयुर्वेद में बहुत ही अच्छा माना गया है।

इस बीमारी से बचने के लिए समय रहते अगर प्रयास शुरू कर दिए जाएं तो यह नहीं होती है। इसके लिए प्राकृतिक उपायों अपनाया जा सकता है। जो बहुत कठिन नहीं होते हैं इन्हे बस कड़ाई से अपने जीवन में प्रयोग करना होता है। नीम डायबिटीज को दूर करने में मदद करती है, नीम काफी गुणकारी होती है इसका अन्य रोगों से बचने के लिए भी इसको प्रयोग में लाया जाता है।

तुलसी को आयुर्वेद में बहुत महत्व दिया गया है। अपने गुणों के कारण यह बेहद पूज्यनीय है। तुलसी की पत्तियों में एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है। यदि खाली पेट रोज पांच पत्तियां खाईं जाएं तो कैंसर रोग नहीं होता है। डायबिटीज में तुलसी का सेवन सबसे अच्छा माना गया है। इसका रस भी फायदा करता है।

डाक्टर भी शुगर पेसेंट को करेला खाने की सलाह देते हैं। डायबिटीज में करेला का सेवन किस तरह से करना चाहिए। इसके अलावा जामुन की गुडलियां भी लाभकारी हैं इसका चूर्ण भी बनाकर लोग सेवन करते हैं। डायबिटीज में इसे रामबाण बताया गया है।

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