योगी सरकार ने भ्रष्टाचारी यूपी पुलिस की सफाई का बीड़ा उठा लिया है। पुलिस पर लगते आ रहे अकर्मण्यता और भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों के मद्देनजर यह कड़ा कदम उठाया गया है। इसके तहत जिन पुलिसकर्मियों की सेवाएं समाप्त करने की सिफारिश की गई हैं उनमें आईपीएस से लेकर पीपीएस और नॉन गैज़ेटेड पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
योगी सरकार ने 2 आईपीएस अधिकारियों को काम में लापरवाही बरतने के आरोप में कार्यमुक्त करने की सिफारिश की है। जानकारी के मुताबिक इसमें आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर का नाम भी शामिल है। उनके खिलाफ शिकायत थी कि वह ऑफिस के काम के दौरान अनुपस्थित रहते हैं और आरटीआई जैसे कामों में संलग्न रहते हैं। डीजीपी मुख्यालय की ओर से यह प्रस्ताव शासन को भेजा गया है और उसके बाद इसे यूपी के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को भेज दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक यह प्रस्ताव गृह मंत्रालय तक पहुंच चुका है और इस पर जल्द ही निर्णय हो जाएगा। यूपी सरकार ने 50 साल की उम्र पार कर चुके अधिकारियों की स्क्रीनिंग कराई थी। इसके साथ योगी सरकार ने पीपीएस स्तर के 17 अधिकारियों की भी छुट्टी करने की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी है।
यह कार्यवाही कितने बड़े पैमाने पर हुई है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यूपी पुलिस की इस इस लिस्ट में 353 पुलिसकर्मियों का नाम शामिल है।