श्री Amarnath Yatra पर असमंजस अब दूर हो रहा है। बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए पवित्र यात्रा 20 जुलाई से आरंभ हो सकती है और यह पहले से प्रस्तावित 3 अगस्त को सावन की पूर्णिमा पर समाप्त होगी। अभी पंजीकरण और अन्य प्रक्रिया तय नहीं हुई है और श्राइन बोर्ड जल्द इस पर फैसला ले सकता है। इसी सप्ताह प्रस्तावित बैठक में श्राइन बोर्ड यात्रा के प्रारूप पर मुहर लगा सकता है। पहले यह यात्रा 23 जून से आरंभ होनी थी और पहली अप्रैल से ही एडवांस पंजीकरण आरंभ होना था। Corona संकट के कारण प्रशासन ने यह पंजीकरण लगातार टाला जा रहा था। इस समय चुनौती है कि बर्फ हटाने का कार्य भी अब तक आरंभ नहीं हो पाया है।
श्री Amarnath श्राइन बोर्ड से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने उपराज्यपाल जीसी मुर्मु और बोर्ड के अधिकारियों से भी मुलाकात की है। इनमें से अधिकतर संगठनों का आग्रह है कि यात्रा पहली जुलाई से शुरू की जाए। हालांकि इस पर सहमति नहीं बन पाई और बाद में लगभग तय किया गया कि इसे 20 जुलाई के आसपास आरंभ किया जा सकता है।
श्राइन बोर्ड सूत्रों ने बताया कि इस साल तीर्थयात्रा लगभग 42 दिन की तय की गई थी। अब उसे घटाकर यात्रा का समय 15 दिन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहलगाम के रास्ते पवित्र गुफा तक विभिन्न जगहों पर बर्फ को इतनी जल्द हटाना मुश्किल है, क्योंकि इस समय श्रमिकों की कमी है और मौसम भी बाधा बन रहा है। ऐसे में बालटाल से पवित्र गुफा तक के मार्ग को जल्द साफ किया जा सकता है और इस मार्ग पर कई जगह बर्फ पिघल चुकी है। इसके अलावा इस रास्ते से पैदल यात्रा एक दिन में ही पूरी हो जाती है। इसलिए बालटाल रूट से ही यात्रा को खोलने पर प्राथमिकता के आधार पर खोले जाने का विचार किया जा रहा है। यात्रा तीन अगस्त को रक्षाबंधन के दिन छड़ी मुबारक संग पवित्र गुफा में पूजा के साथ ही संपन्न होगी। उन्होंने बताया कि पवित्र छड़ी मुबारक को पहलगाम के रास्ते पवित्रगुफा पर विभिन्न तीर्थस्थलों पर धार्मिक अनुष्ठान पूरे करने होते हैं, ऐसे में छड़ी मुबारक को हेलीकाप्टर के जरिए ले जाया जा सकता है।
साल 2019 में वार्षिक तीर्थयात्रा पहली जुलाई को आरंभ हुई थी। बीते साल यह 46 दिन की यात्रा थी, लेकिन पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू करने और उससे करीब एक सप्ताह पहले यात्रा मार्ग पर आतंकी ठिकाने से घातक हथियारों की बरामदगी के चलते यात्रा को जुलाई के अंतिम सप्ताह में बंद कर दिया गया था। सुरक्षा कारणों का हवाला देकर यात्रा बंद कर दी गई।
बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा समुद्र तल से 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पुराणों के अनुसार, श्री Amarnath की पवित्र गुफा में ही भगवान शंकर ने मां पार्वती को अमरत्व की कथा सुनाई थी। पवित्र गुफा में भगवान शंकर और मां पार्वती हिमलिंग स्वरुप में विराजमान होते हैं। रक्षाबंधन की सुबह पवित्रगुफा में भगवान शिव की मुख्य पूजा का विधान है और इसके साथ ही वार्षिक तीर्थयात्रा को संपन्न माना जाता है। रक्षाबंधन के बाद पवित्र गुफा आम लोगों के लिए बंद कर दी जाती है और इसके साथ ही वहां विराजमान बाबा बर्फानी भी लोप हो जाते हैं।