इमरान सरकार ने सेनाध्यक्ष बाजवा को 3 साल का सेवा विस्तार दिए जाने का प्रस्ताव दिया था जिसपर उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आसिफ सईद खोसा ने रोक लगाते हुए फिलहाल केवल आठ महीने के सेवा विस्तार की ही इजाजत दी है।
अब सरकार को सेना के अंदर भी कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान की सेना के सात 7 जनरलों ने बाजवा के सेवा विस्तार पर अदालत के रोक लगाने का समर्थन कर दिया है।
जनरलों की इस लिस्ट में मुल्तान के कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सरफराज सत्तार चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ओहदे के लिए वरीयता सूची में सबसे ऊपर हैं। लेफ्टिनेंट जनरल सत्तार ने नियम के उल्लंघन से नाराज होकर कथित तौर पर इस्तीफा दे दिया है। उनके अलावा लेफ्टिनेंट जनरल नदीम राजा, लेफ्टिनेंट जनरल हुमायूं अजीज, लेफ्टिनेंट जनरल नईम असरफ, लेफ्टिनेंट जनरल शेर अफगान और लेफ्टिनेंट जनरल काजी इकराम ने भी बाजवा के सेवा विस्तार के प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया है।