SC ने सोमवार को नागरिकत संशोधन अधिनियम(CAA) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर( NPR) को चुनौती देने वाली नई याचिकाओं पर सुनवाई की है। जिसके बाद कोर्ट ने इस प्रक्रिया पर रोक लगाने से मना कर दिया है। इसके साथ ही नई याचिकाओं को CAA की अन्य याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध भी कर दिया है। जिस पर चार हफ्ते बाद 5 सदस्यीय संविधान पीठ सुनवाई करेगी।
इतना ही नहीं इसके साथ SC ने CAA और NPR प्रक्रिया को चुनौती देने वाली नई याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने प्रक्रिया पर रोक लगाने से मना कर दिया है और इन याचिकाओं को CAA की अन्य याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध कर दिया है।
इससे पहले 22 जनवरी को SC ने कहा कि CAA को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र का पक्ष सुने बगैर कोई आदेश नहीं देगा। न्यायालय ने इस कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र को चार हफ्ते का वक्त देते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई 5 सदस्यीय संविधान पीठ करेगी।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने इस कानून को चुनौती देने वाली 143 याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया और सभी उच्च न्यायालयों को इस मामले पर फैसला होने तक सीएए को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई से रोक दिया।
वहीं पीठ ने कहा कि असम और त्रिपुरा से संबंधित याचिकाओं पर अलग से विचार किया जाएगा क्योंकि इन दो राज्यों की CAA को लेकर परेशानी देश के अन्य हिस्से से एक दम अलग है। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि CAA के अमल और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के कार्यक्रम पर रोक लगाने के मुद्दे पर केंद्र का पक्ष सुने बगैर एक पक्षीय आदेश नहीं देगा।