सुप्रीमकोर्ट ने बुधवार को नार्थ सेंट्रल रेलवे को दिल्ली-मथुरा नई रेल लाइन के लिए 452 पेड़ काटने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ कोर्ट ने काटे गए पेड़ों की भरपाई के लिए नए पेड़ लगाने के लिए भी कहा है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नए लगाए गए पेड़ को पानी देने की पूरी व्यवस्था होनी चहिए।
3 दिसंबर को सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने नार्थ सेंट्रल रेलवे से सवाल किया था कि आपको पेड़ क्यों काटने हैं? क्या आप एक वैकल्पिक मार्ग नहीं खोज सकते? उत्तर मध्य रेलवे ने एक अर्जी दायर कर उच्चतम न्यायालय से दिल्ली से मथुरा के बीच चौथी रेलवे लाइन बिछाने के लिए ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन में पेड़ काटने की इजाज़त मांगी थी।
यदि नए पेड़ सूख जाएं तो, उसकी जगह पर फिर से नए पेड़ लगाए जाएं। उच्चतम न्यायालय ने नालसा को निर्देश दिया कि वह 3 माह के अंदर रिपोर्ट दे और बताए की जहां नए पेड़ लगाए जाएंगे उस जगह की स्थिति क्या है?