महाराष्ट्र की राजनीति का महा ड्रामा अभी खत्म नहीं हुआ है। एक महीने तक शिवसेना के साथ साह-मात का खेल खेलने वाली बीजेपी के अंदर अब महाभारत छिड़ने के संकेत मिल रहे हैं। पार्टी के कद्दावर दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे ने देवेन्द्र फडणवीस के खिलाफ बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं।
पंकजा मुंडे ने इसकी शुरूआत रविवार को अपनी एक फेसबुक पोस्ट के जरिए की। बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने अपने दिवंगत पिता के जन्मदिन पर 12 दिसंबर को समर्थकों की बैठक बुलाई है। अपनी पोस्ट में पंकजा मुंडे ने कहा, 8-10 दिन के अंदर मैं बड़ा फैसला लेने जा रही हूं। पंकजा मुंडे के तेवरों से साफ है कि महाराष्ट में सत्ता जाने के साथ ही बीजेपी को संगठन से जूझना पड़ेगा।
पंकजा मुंडे ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि चुनाव में हार के बाद समर्थकों के कई फोन और मैसेज आए। समर्थकों ने मिलने का आग्रह किया है। 12 दिसंबर को समर्थकों से मिलने के बाद अंतिम निर्णय लूंगी। मुंडे ने लिखा, बदले राजनीतिक हालात में अब भविष्य के बारे में निर्णय लेना जरूरी है। मुझे तय करना है कि किस रास्ते पर चलना है। हमारी मजबूती क्या है।
मुंडे ने कहा, मुझे बहुत कुछ बोलना है। मुझे उम्मीद है कि मेरे जवान रैली में जरूर पहुंचेंगे। इस पोस्ट के बाद गर्म हुआ चर्चाओं का बाजार अभी ठण्डा भी नहीं पड़ा था कि सोमवार को पंकजा मुंडे ने अपने ट्विटर बायो में बदलाव कर दिया। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडिल से बीजेपी का नाम और अपने राजनीतिक सफर का विवरण भी हटा दिया है।
पंकजा मुंडे फडणवीस सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। इस बार के विधानसभा चुनावों में वह अपने गढ़ पराली से चुनाव हार गयी थीं। पंकजा मुंडे को उन्हीं के चचेरे भाई धनंजय मुंडे ने हराया है। धनंजय मुंडे रांकापा से विधायक हैं और अब वह उद्धव ठाकरे की सरकार के साथ हैं।