अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ तो बन गया है, और आज पहली बार दिल्ली में ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ की बैठक हुई, लेकिन पहली ही बैठक बाद विचारों में मतभेद की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। सूत्रो की माने तो दिगंबर अखाड़े के प्रमुख सुरेश दास ने ट्रस्ट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गोरक्षनाथ पीठ के ना शामिल किए जाने पर आपत्ती जताई है। सुरेश दास ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में गोरखपुर के गोरक्षनाथ पीठ और उनके महंत समेत दिगंबर अखाड़े की अहम भूमिका रही है यहां तक की यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की भी अनदेखी की गई जो सही नहीं है। हालांकी दिगंबर अखाड़े के प्रमुख सुरेश दास ने ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास को बधाई जरूर दी लेकिन इसी के साथ उन्होंने अपनी नाराजगी भी जाहिर कर दी। फिलहाल अभी तक इस मामले पर ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
जहां बुधवार को हुई ट्रस्ट की बैठक में 9 प्रस्तावों को पारित किया गया, और महंत नृत्यगोपाल दास को अध्यक्ष चुना गया, वहीं VHP नेता चंपत राय महामंत्री बनाए गए। इसके अलावा पीएम मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा भवन निर्माण समिति के चेयरमैन बनाए गए, जबकि कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी गोविंद गिरी को मिली।
आपको बता दें केंद्र सरकार ने बीते 5 फरवरी को लोकसभा में राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा की थी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठन के बाद सबसे पहले केंद्र की मोदी सरकार की ओर से 1 रुपये का नकद दान दिया गया था। आपको बता दें ये ट्रस्ट को मिला पहला दान था। केंद्र सरकार की तरफ से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को गृह मंत्रालय में अवर सचिव डी. मुर्मू ने दिया था। ट्रस्ट अचल संपत्ति समेत बिना किसी शर्त के किसी से भी दान, अनुदान, अंशदान और योगदान ले सकती है।