भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स के लिए अमेरिका का वर्किंग वीजा लेने के लिए अपने जेब से पहले से ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेगें। बता दें अमेरिकी प्रशासन ने H-1B वीजा को महंगा करने की तैयारी कर ली है। सूत्रों की माने तो ट्रंप प्रशासन H-1B वीजा की फीस में 22 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकता है। H-1B वीजा के साथ ही अमेरिकी प्रशासन L1 वीजा की फीस भी 77 प्रतिशत बढ़ा सकता है। आपको बता दें इन दोनों ही कैटेगरी के वीजा की फीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव को पहले ही यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज यानी USCIS ने इमिग्रेशन एंड रेगुलेटरी अफेयर्स के व्हाइट हाउस दफ्तर में भेज दिया है।
दरअसल बीते साल से ही USCIS वित्तीय संकट से जूझ रही है। इस वजह से वीजा फीस से उसकी इनकम में काफी गिरावट देखी गई है। यही कारण है कि USCIS वीजा फीस बढ़ा कर आर्थिक गिरावट को कम करना चाहती है। बता दें वीजा की फीस को बढ़ाने का प्रस्ताव पिछले साल नवंबर में आया था। इसमें फॉर्म I-129 के लिए अलग-अलग फीस बढ़ोतरी की सिफारिश की गई थी। अगर USCIS के इस प्रस्ताव को इमिग्रेशन एंड रेगुलेटरी अफेयर्स स्वीकार कर लेता है तो आपको बढ़ी फीस के बाद H-1B वीजा के लिए 560 डॉलर तक खर्च करने पड़ेगें। साथ हा L-1 इंट्रा कंपनी ट्रांसफर वीजा के लिए 815 डॉलर तक की फीस देनी पड़ेगी। फिलहाल H-1B वीजा की फीस 460 अमेरिकी डॉलर है, और L1 वीजा की फीस 190 अमेरिकी डॉलर है।
बता दें इस वीजा फीस बढ़ोतरी का नैसकॉम ने विरोध किया है, और कहा है कि सिर्फ अमेरिकी संसद ही वीजा फीस बढ़ाने पर फैसला नहीं ले सकते हैं। इसके साथ ही अमेरिकन इमिग्रेशन लॉयर्स एसोसिएशन और अमेरिकन इमिग्रेशन काउंसिल ने भी राष्ट्रपति ट्रंप से वीजा फीस बढ़ोतरी का फैसला वापस लेने की मांग की है।