प्रवासी मजदूरों, किसानों के लिए वित्त मंत्री का बड़ा एलान

केन्द्र सरकार ने गरीबों के लिए बड़ा कदम उठाते हुए अगले 2 महीने तक सभी प्रवासी मजदूरों को बिना कार्ड के ही 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं या चावल और एक किलो चना प्रति परिवार देने का फैसला किया है। केन्द्रीय वित्तमंत्री Nirmala Sitaraman ने कहा कि इससे करीब 8 करोड़ प्रवासियों को फायदा होगा। इस पर करीब 3500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।

वित्तमंत्री ने एलान किया है कि उन्होंने कहा कि One Nation-One Ration Card को अगस्त 2020 तक लागू किया जाएगा। इसके बाद जो प्रवासी मजदूर देश के किसी भी कोने में हैं अपने Ration Card से राशन डिपो जाकर राशन ले सकते हैं। ये Ration Card किसी भी राज्य का हो, देश में हर जगह मान्य रहेगा। इससे 23 राज्यों को 67 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा। पीडीएस योजना के 83 फीसदी लाभार्थी इससे जुड़ जाएंगे। मार्च 2021 तक इसमें 100 फीसदी लाभार्थी जुड़ जाएंगे। देश के किसी भी कोने में लोग अपने Ration Card से उचित मूल्य दुकान से राशन ले सकते हैं।

रेहड़ी-पटरी और ठेले पर समान बेचने वाले 50 लाख लोगों को लोन देने के लिए 5 हजार करोड़ लोन की व्यवस्था की गई है। इस स्कीम में प्रति व्यक्ति अधिकतम 10 हजार रुपये लोन मिलेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत होम लोन पर मिडल क्लास को मिलने वाली सब्सिडी की समयसीमा मार्च 2021 तक के लिए बढ़ा दी गई है। इसमें 6 लाख से 18 लाख तक की आय वालों को होता है फायदा। यह स्कीम मार्च, 2020 खत्म हो गई थी।

वित्त मंत्री Nirmala Sitaraman ने कहा है कि 3 करोड़ किसानों ने 4.22 लाख करोड़ रुपये के लोन पर लोन मोराटोरियम की सुविधा ली है। इसके अलावा ब्याज पर छूट, फसलों पर इंसेंटिव को 31 मई 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। इन पर लोन लिमिट 25 करोड़ होगी।

ग्रामीण इलाकों में मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख ऋण मंजूर किए गए, जो करीब 86 हजार 600 करोड़ रुपए का है। गांव में कॉओपरेटिव बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका है। इनमें मार्च 2020 में नाबार्ड ने 29 हजार 500 करोड़ रुपए की रिफाइनैसिंग की है। रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 4200 करोड़ रुपये मार्च 2020 तक दिए गए हैं।

वित्त मंत्री ने कहा कि अब तक मनरेगा पर 10 करोड़ खर्च किया गया है। 2.33 करोड़ मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया गया है। श्रमिकों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि न्यूनतम मजदूरी में भेदभाव खत्म करेंगे। मजदूरों की दिहाड़ी 182 रुपये से बढ़कार 202 रुपये कर दी गई है। मजदूरों की सालाना स्वास्थ्य जांच अनिवार्य होगी। गांव के आधारभूत ढांचे के लिए 4200 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा।

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