कमलनाथ की नाक के नीचे सिंधिया ने कैसे हिला दी सरकार, जानें सम्पूर्ण पोलिटिकल ड्रामा

मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपनों से ही घिर गई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट की बगावत के चलते BJP को मौका मिल गया है। कमलनाथ दिल्ली में सोनिया गांधी से भी मिल चुके हैं। दूसरी तरफ मौका देखकर शिवराज सिंह चौहान ने भी अमित शाह से मुलाकात की। सिंधिया कैंप के विधायक और मंत्री बेंगलुरु में हैं और कमलनाथ की सरकार अधर में लटकी हुई है।

मध्य प्रदेश की कांग्रेस में तीन गुट माने जाते हैं। कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया। तीनों की एक-दूसरे से अदावत किसी से छिपी नहीं है और यही कारण है कि शुरुआत से ही कमलनाथ की सरकार डांवाडोल स्थिति में रही है। पहले CM ना बन पाने और फिर कांग्रेस अध्यक्ष का पद ना मिलने से नाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया अब बगावती तेवर अपना चुके हैं। कहा जा रहा है कि राज्यसभा में जाने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने BJP से भी बात की है।

इससे पहले कांग्रेस, SP, BSP और एक निर्दलीय विधायक के ‘गायब’ होने से कमलनाथ की नींद उड़ गई थी। हालांकि, इन विधायकों को समझा-बुझाकर लौटाया गया और उन्हें मंत्री पद देने की बात कही गई। एक-एक करके कुछ विधायक लौट आए तो कमलनाथ की जान में जान आई। कमलनाथ अपनी सरकार में नए मंत्रियों को शामिल करने पर विचार करने लगे।

नए मंत्रियों को शामिल करने और आगे की रणनीति पर बात करने के लिए कमलनाथ दिल्ली में सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे। इधर रणनीति बना रहे कमलनाथ को अंदाजा भी नहीं था कि उनके पीछे भोपाल में क्या होने वाला है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस इस बात पर तैयार हो रही थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद या राज्यसभा की सीट में से कोई एक चीज दे दी जाए।

दिल्ली में मौजूद कमलनाथ के पीछे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ा गेम कर दिया। कमलनाथ सरकार के छह मंत्रियों समेत कुल 17 विधायक अचानक बेंगलुरु पहुंच गए। सिंधिया कैंप के इन सभी विधायकों ने अपने फोन बंद कर लिए हैं। कहा जा रहा है कि बेंगलुरु में BJP नेता बीएस येदियुरप्पा के बेटे इन विधायकों की आवभगत कर रहे हैं और BJP ही इस सबके पीछे है।

17 विधायकों की बगावत की खबर सुनते ही कमलनाथ के होश उड़ गए। वह आनन-फानन में उल्टे पैर भोपाल लौटे। उनके आने से पहले ही कमलनाथ और दिग्विजय के समर्थक विधायक कमलनाथ के घर पर जुट गए। दूसरी तरफ ये खबरें आने लगीं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस नेताओं से बात नहीं कर रहे हैं और अब वह पूरी तरह से बगावत के मूड में हैं।

कमलनाथ ने भोपाल लौटते ही अपने सलाहकार और ‘सुपर सीएम’ कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह के साथ मीटिंग की। इन दोनों नेताओं ने लगभग 20 मंत्रियों के साथ भी मीटिंग की। मीटिंग में तय हुआ कि सरकार बचाने के लिए बागियों को मंत्री पद दिया जाए। आखिरी दांव के रूप में कमलनाथ ने इन 20 मंत्रियों से इस्तीफा ले लिया और नई कैबिनेट बनाने का ऐलान कर दिया गया। मंत्री पीसी शर्मा ने बयान दिया कि सरकार को कोई खतरा नहीं है।

इस बीच खबरें आईं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी के बड़े नेताओं के संपर्क में हैं। वह दिल्ली स्थित अपने घर पर दिखे। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि रविवार देर रात ही सिंधिया बीजेपी नेताओं से मिल चुके थे और सबकुछ तय हो चुका था। बाद में दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनसे बताया गया है कि सिंधिया को स्वाइन फ्लू है इसलिए उनसे बात नहीं हो सकती है।

कांग्रेस की अंदरूनी कलह का फायदा उठाने के लिए BJP भी तैयार बैठी है। BJP ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। चर्चा है कि विधानसभा सत्र शुरू होते ही BJP अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। दूसरी तरफ शिवराज सिंह चौहान भी दिल्ली पहुंच गए। उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। हालांकि, शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ की सरकार गिराने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। शिवराज ने इस पूरे मामले को कांग्रेस का आपस का झगड़ा बताया है।

अब सबकुछ ज्योतिरादित्य सिंधिया पर ही टिका हुआ है। अगर वह मान जाते हैं और कांग्रेस के साथ बने रहते हैं तो कमलनाथ की सरकार बच जाएगी। बदले में उन्हें राज्यसभा सीट या मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष का पद दिया जा सकता है। अगर सिंधिया बगावत करके BJP के साथ जाते हैं तो उनके समर्थक विधायकों की सदस्यता समाप्त की जा सकती है। ऐसी स्थिति में BJP बहुमत में आकर सरकार बना सकती है। BJP की सरकार बनने की स्थिति में सिंधिया समर्थक विधायकों को बड़े पद मिल सकते हैं। दूसरी तरफ BJP सिंधिया को राज्यसभा भेज केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है।

हालांकि, अभी तक इस पूरे मामले पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ना ही सिंधिया कैंप के समर्थक विधायक या मंत्री की ओर से अभी तक कोई मांग रखी गई है। ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया के मन में क्या है और वह क्या करना चाहते हैं, यह सिर्फ भविष्य के गर्त में छिपा है।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1