मध्यप्रदेश में चल रही राजनीतिक उठापटक का पटाक्षेप सत्ता-पलट से जोड़कर देखा जाने लगा है। होलिका दहन के साथ ही सत्ता-संगठन में बड़े चौंकाने वाले बदलाव की तैयारी चल रही है। इस बीच सोमवार को सिंधिया समर्थक 17 मंत्री-विधायकों के बेंगलुरु पहुंच जाने को बड़े सियासी भूचाल की आहट माना जा रहा है।
प्रदेश के खुफिया सूत्रों ने विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने को एक-दो दिन में बड़े बदलाव की तरफ इशारा किया है। CM कमलनाथ के रविवार को अचानक दिल्ली जाने के बाद प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य ने नया मोड़ ले लिया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री-विधायक अचानक देर रात से भूमिगत हो गए। न तो वे मोबाइल के नेटवर्क में थे और न ही उनके सुरक्षाकर्मियों को उनकी कोई जानकारी थी।
हड़कंप मचने के बाद नेताओं के सरकारी दफ्तर, बंगलों और गृह नगरों में इंटेलीजेंस के अधिकारी उनकी लोकेशन ढूंढते रहे, लेकिन उनकी कोई खोज खबर नहीं मिली। सोमवार शाम को जैसे ही इन मंत्री और विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने की सूचना मिली तो प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया। उधर, BJP ने अपने सभी विधायकों को तुरंत भोपाल पहुंचने का फरमान जारी कर दिया है।
दूसरी तरफ, कमलनाथ सरकार को संकट में घिरता देख BJP ने कल अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि BJP विधायकों की मीटिंग में कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर मुहर लग सकती है। 16 मार्च से शुरू होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के पहले दिन ही BJP कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।